पांच राज्यों में संपन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में घमासान मचा हुआ है। पंजाब, राजस्थान से लेकर दिल्ली तक अंतर्कलह सतह पर आ गया है। पंजाब में हार का ठीकरा प्रदेश अध्य्क्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री रहे चरणजीत सिंह चन्नीं के सिर तो फूटा ही है, चन्नी को पार्टी से निकालने तक की मांग उठ रही है। इसी बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बड़े वकील के नाते सिब्बल को पार्टी में जगह मिली। वे कांग्रेस संस्कृति के व्यक्ति नहीं हैं। वे केंद्रीय मंत्री और पार्टी प्रवक्ता सोनिया गांधी के आशीर्वाद और राहुल गांधी की कृपा से बने।
बता दें कि चुनावों में हार के बाद रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी। करीब पांच घंटे चली मैराथन बैठक में यह फैसला लिया गया कि सोनिया गांधी अध्यक्ष बनी रहेंगी। इस फैसले की आलोचना करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा था कि यही सही समय है। गांधी परिवार को पार्टी नेतृत्व छोड़ किसी दूसरे व्यक्ति को इस भूमिका के लिए अवसर देना चाहिए। यह बात अशोक गहलोत को नागवार गुजरी है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल केवल अपनी झुंझलाहट निकाल रहे हैं। पार्टी के प्रवक्ता रहे व्यक्ति के मुंह से ऐसी बात दुर्भाग्यपूर्ण है। यही नहीं, उन्होंने यहां तक कह दिया कि सिब्बल कांग्रेस की एबीसीडी ही नहीं जानते। वे कांग्रेस का इतिहास भूल जाते हैं। कांग्रेस संस्कृति में एक कार्यकर्ता के तौर पर उनकी रगड़ाई नहीं हुई। अगर वे कांग्रेस संस्कृंति में काम करते तब उन्हें धीरे-धीरे मौका मिलता। देश के बड़े वकील होने के नाते उन्हें पार्टी में जगह मिल गई।
गहलोत यहीं नहीं रुके। गांधी परिवार के प्रति वफादारी दिखाते हुए बोले- बीते 30 वर्षों से गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री, मंत्री और मुख्यमंत्री नहीं बना। इसके बावजूद देश गांधी परिवार के साथ है। लोग जानते हैं कि गांधी परिवार ही कांग्रेस को एकजुट रख सकता है। कपिल सिब्बल बस झुंझलाहट में बोल रहे हैं।
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