हिजाब विवाद, मजहबी सोच थोपने का मामला ? आयशा ने जब मस्जिद से किया इस्लाम छोड़ने का एलान
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

हिजाब विवाद, मजहबी सोच थोपने का मामला ? आयशा ने जब मस्जिद से किया इस्लाम छोड़ने का एलान

by WEB DESK
Mar 15, 2022, 10:54 pm IST
in भारत, दिल्ली
प्रतीकात्मक चित्र

प्रतीकात्मक चित्र

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
तालिबानी कैद में जकड़ा अफगानिस्तान भी हिजाब, नकाब और बुरखा से आजाद होने को छटपटा रहा है पर भारत में इसकी जकड़न में आने की बेताबी आखिर क्यों दिख रही है ?

 

कर्नाटक में हिजाब विवाद क्या मजहबी सोच थोपने का मामला है ? मुस्लिम लड़कियां संविधान से लेकर सरकारी नियम-कायदों को आखिर ठेंगा क्यों दिखा रही है? क्या इसके पीछे अदृश्य हाथ हैं, जिसकी आशंका हाई कोर्ट ने भी जताई है। विवाद की शुरुआत 1 जनवरी को उडुपी से हुई जहाँ 6 मुस्लिम लड़कियों को कॉलेज में हिजाब पहनकर आने से कक्षा में बैठने से रोक दिया गया। कॉलेज मैनेजमेंट ने नई यूनिफॉर्म पॉलिसी को इसकी वजह बताया था। इसके बाद इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की जहाँ उनकी ओर से तर्क दिया गया कि हिजाब पहनने की इजाजत न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत उनके मौलिक अधिकार का हनन है। हाई कोर्ट के फैसले ने उन्हें बता दिया है कि देश संविधान से चलेगा न कि मजहबी सोच से। उडुपी से शुरू हुआ विवाद अब मुस्लिम समुदाय ने अपनी साख का सवाल बना लिया है। केंद्र सरकार से खफा मुस्लिम समुदाय ने कर्नाटक के इस विवाद में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है ताकि राज्य की भाजपानीत सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक को सबक सिखाया जा सके। यह अधिकार से अधिक अपनी मजहबी मान्यता को प्रचारित-प्रसारित करना है। हिजाब को बढ़ावा मुस्लिमों की दकियानूसी सोच ही कही जाएगी। इसी तरह का विवाद तब उठाया गया था जब मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक का कानून लाया गया था।

सऊदी अरब, जो इस्लाम का झंडाबरदार है वहां के शासक आधुनिक दुनिया से कदमताल करते हुए जहाँ हिजाब और बुरखे से निजात दिलाने की वकालत कर रहे हैं वहीं भारत में इस कट्टर मजहबी सोच को लड़कियों के माध्यम से धार देना क्या उसी सोच को इंगित नहीं कर रहा है? क्या मुस्लिम पुरुष महिलाओं-लड़कियों को आगे कर माहौल ख़राब करना चाहते हैं। शाहीन बाग़ से लेकर ताजा विवाद इसका सबूत है। आप कभी ढाका की सड़कों पर घूमें, आपको हिजाब या बुरखे में ढकी महिलाएं कम ही मिलेंगी। विश्व की तमाम मुस्लिम महिला उद्यमी बुरखा, हिजाब और नकाब से तौबा कर चुकी हैं। तालिबानी कैद में जकड़ा अफगानिस्तान भी हिजाब, नकाब और बुरखा से आजाद होने को छटपटा रहा है पर भारत में इसकी जकड़न में आने की बेताबी क्या यह नहीं दिखाती कि भारत में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति उनके पुरुषों के रहमोकदम पर है। 

फिर जिस संविधान के मौलिक अधिकारों की वे बात करती हैं यदि कायदे से वे उसे मानें तो शिक्षण संस्थानों के नियमों से भी वे बंधी हुई हैं। कल को यदि भारत का हिन्दू समुदाय मनु स्मृति, वेद, गीता, पुराणों के नियमों से चलने लगे तो क्या मुस्लिम समुदाय इसे स्वीकार करेगा? फिर एक लोकतांत्रिक देश के शिक्षण संस्थानों में किसी के मजहबी प्रतीक चिन्हों का क्या काम? क्या भारत में शरिया कानून है? जिस उम्र में उन्हें पढ़-लिखकर करियर संवारने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, उस उम्र में वे इस जकड़न में जकड़ रही हैं। मुस्लिम समुदाय में जहर उगलते पुरुष क्या कम थे जो अब लड़कियों को इसका शिकार बनाया जा रहा है। यदि वे लड़कियां उच्च शिक्षित होतीं तो अन्य लड़कियों के लिए आदर्श बनतीं पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। 

इस्लाम छोड़ने का एलान किया

केरल की आयशा मर्केराउज ने पिछले साल दिसंबर में मस्जिद जाकर इस्लाम छोड़ने का ऐलान कर दिया। वे कहती हैं, ‘करीब 10 सालों से मैं ऊहापोह में थी। इस्लाम को लेकर मेरे भीतर सवाल ही सवाल थे। कुछ साल पहले मैंने पैगंबर मोहम्मद की ऑटोबायोग्राफी पढ़ी। किताब के पन्ने जैसे-जैसे मैं पलटती गई, वैसे-वैसे मेरा इरादा पक्का होता गया। दरअसल, उस किताब में दासता और औरतों को लेकर जो बातें लिखी गई हैं वह मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाती हैं। इसी कारण मैंने इस्लाम छोड़ने का फैसला किया।’ आयशा अकेली नहीं हैं जिन्होंने मजहबी कट्टरता और महिलाओं को लेकर इस्लाम की सोच के कारण इस्लाम त्याग दिया। दक्षिण भारत के केरल और तमिलनाडु में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं इस्लाम छोड़ रही हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि हिजाब विवाद के बाद कर्नाटक में भी प्रगतिशील मुस्लिम महिलाएं इस्लाम छोड़ने लगें। यदि ऐसा होता है तो उक्त विवाद मुस्लिम समुदाय पर भारी भी पड़ सकता है।
 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies