हरियाणा सरकार कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) हाइवे पर पांच नए शहर बसाने जा रही है। इसमें औद्योगिक सेक्टर भी शामिल होंगे। प्रस्तावित शहरों में अंतरराष्ट्री्री स्तर की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसपरियोजना पर अधिकारी दिन-रात काम कर रहे हैं। योजना का खाका तैयार हो रहा है, जिससे जल्द से जल्द इस योजना पर काम शुरू किया जा सके।
मनोहर लाल सरकार की योजना है कि केएमपी के दोनों ओर पांच नए शहर विकसित किए जाएं। इन शहरों को जिले का भी दर्जा देने की भी योजना है। इसके पीछे मनोहर लाल सरकार का बड़ा विजन है। दिल्ली के नजदीक होने की वजह से यहां शहर विकसित करने का फायदा यह होगा कि तेजी से इस क्षेत्र का विकास होगा। केएमपी से पांच हाइवे जुड़ रहे हैं। इसमें अंबाला-दिल्ली, जयपुर-दिल्ली, आगरा-दिल्ली, रोहतक के साथ साथ पटौदी से निकलने वाला हाईवे भी शामिल है। इस तरह से देखा जाए तो नए बसाए जाने वाले शहरों में तेजी से आवाजाही संभव है। पीपीपी मॉडल यानि की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर विकसित इन शहरों का क्षेत्रफल चंडीगढ़ से चार गुणा अधिक होगा। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, की तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। शहर का मास्टर प्लान बनाने का काम शुरू हो गया है। योजना में पर्यावरण और सामाजिक दायित्व पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा।
भारत सरकार की ग्रीनफील्ड सिटी योजना देश में एकदम नए शहर बसाने की योजना है। इसके तहत केंद्र ने देश में आठ नए शहर विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर रखा है। 15वें वित्त आयोग ने भी आठ राज्यों में राज्यों में आठ नए शहर बसाने के लिए आठ हजार करोड़ रुपये देने की सिफारिश की है। यानी एक शहर बसाने पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च होगा। यह राशि शहरों की योजना, फ्रेमवर्क और योजना को हकीकत में बदलने पर खर्च की जाएगी। देश में काफी लंबे समय से नया शहर नहीं बसाया गया है। इस वजह से रहने की कमी महसूस की जा रही है। इसके साथ ही अब शहरों की जरूरत भी बदल रही है। नए शहरों को बसाने के पीछे मकसद नए विकसित हो रहे शहरों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए लोगों को रहने की जगह उपलब्ध कराना है।
पहला शहर मानेसर में बसेगा
राज्य सरकार पहला शहर गुरुग्राम के नजदीक मानेसर में बसाएगी। इसकी जिम्मेदारी हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम को सौंपी गई है। इस शहर को दुबई या सिंगापुर की तरह विकसित करने की योजना है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि शहरों को बसाने के पीछे सोच यह है कि हम इस तरह के शहर विकसित करें जो विदेशी शहरों को टक्कर दें। ये शहर मॉडल होंगे। भविष्य में यह भी योजना है कि इस तरह की सुविधाएं प्रदेश के बाकी शहरों में भी धीरे-धीरे उपलब्ध कराई जाए। कुल मिलाकर इस योजना के पीछे सोच यह है कि प्रदेश के हर किसी को बेहतर जीवन स्तर, सभी सुविधाएं, रहने के लिए आधुनिक परिवेश उसके आस-पास ही उपलब्ध कराया जाए।
भविष्य की जरूरतों पर ध्यान
भविष्य में शहर में क्या-क्या जरूरतें हो सकती हैंं, नए शहर बसाते वक्त इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया हमारी योजना है कि ये शहर भविष्य की उन सभी जरूरतों को पूरा करें, जो उस वक्त जरूरी होंगी। इसलिए परियोजना को बनाते वक्त उसके हर पहलू पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए अध्ययन भी किए जा रहे हैं, ताकि यह पता चले कि हमें शहरों में किस तरह की ढांचागत सुविधा उपलब्ध करानी है। कोशिश यह रहेगी कि शहर आधुनिक हों, लेकिन संस्कृति और पर्यावरण को सहेजने वाले हो। साथ ही, दिल्ली जैसे मेट्रो शहर की हर जरूरत को पूरा करने वाले भी हों। इन शहरों में रहने वाले लोग महसूस कर सकें कि वे एक आदर्श शहर में रह रहे हैं। हम लगातार इस पर काम कर रहे हैं।
जमीन के लिए बनेगा लैंड बैंक
शहर को विकसित करने के लिए सरकार की लैंब बैंक बनाएगी। इसके लिए किसान अपनी मर्जी से जमीन उपलब्ध कराएंगे। उन्हें जमीन का उचित मुआवजा देने समेत और क्या-क्या सुविधा देनी चाहिए, इस पर भी काम किया जा रहा है। क्योंकि जो भी किसान इस परियोजना के लिए जमीन देगा, उसे अपनी जमीन की उचित कीमत मिले। साथ ही उसका जीवन स्तर भी बेहतर बने। इस पर भी काम किया जा रहा है, क्योंकि परियोजना के लिए काफी जमीन चाहिए।
दिल्ली और गुड़गांव के लोगों को मिलेगा विकल्प
इस परियोजना के पूरा होते ही दिल्ली और गुड़गांव जैसे शहरों के लोगों को रहने के लिए दूसरा विकल्प भी मिलेगा। जिस तरह से दिल्ली और इन शहरों में जमीन की कमी हो रही है, इसे दूर करने में ये शहर सक्षम होंगे। इसके अलावा, प्रदेश और देश के दूसरे लोग भी यहां आकर बस सकते हैं। इन शहरों में वह हर सुविधा होगी, जो पेशेवर लोगों को चाहिए। ये शहर अपने आप में एक मॉडल होंगे, जो हर किसी को यहां आकर रहने के लिए प्रेरित करेंगे।
विकास को मिलेगी गति
राज्य सरकार की इस योजना से केएमपी पर विकास को गति मिलेगी। नए शहर बसाने से जहां सब्जी, फल दूध और अनाज उगाने वाले किसानों को बेहतर बाजार मिलेगा, वहीं नए शहर आने से औद्योगिक क्षेत्र विकसित होगा। नए-नए पेशेवर और व्यवयासी घराने यहां आकर इकाइयां स्थापित करेंगे। इससे जाहिर है क्षेत्र में विकास को एक गति मिलेगी। सरकार की योजना है कि इस क्षेत्र में उद्योगों के विकास के लिए भी पहल की जाए, क्योंकि हाइवे का देश के लगभग हर हिस्से से संपर्क है, जिससे माल आने-जाने में समय कम लगेगा।
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