कर्नाटक के स्कूल एवं कॉलेजों में हिजाब को लेकर छिड़े विवाद में कर्नाटक हाई कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने का फैसले को सही ठहराया है। साथ ही कोर्ट ने हिजाब के खिलाफ दिए आदेश को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया है। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है। छात्र स्कूल ड्रेस पहनने से इनकार नहीं कर सकते। फैसले से पहले हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
दरअसल, मुस्लिम लड़कियों के स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने की मांग को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाया है। फैसला आने की वजह से कर्नाटक के कई जिलों में आज स्कूल-कॉलेजों को बंद किया गया है। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। जानकारी के अनुसार बेंगलुरु में 21 मार्च तक सार्वजनिक स्थलों पर सभी प्रकार की सभा, आंदोलन, विरोध या समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही कलबुर्गी में 14 मार्च शाम 8 बजे से 19 मार्च की सुबह 6 बजे तक धारा 144 लागू कर दी गई है, यहां आज सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। ऐसे ही बेलगाम और चिक्कबल्लापुरा में भी धारा 144 लगाई गई है। सुरक्षा के मद्देनजर केएसआरपी की 8 कंपनियां, जिला सशस्त्र रिजर्व की 6 कंपनियां और आरएएफ की एक कंपनी तैनात कर दी गई है।
बता दें कि उडुपी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स की कुछ छात्राओं ने कक्षा में हिजाब पहनकर आना शुरू किया। इसका विरोध होने पर छात्राओं ने कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की थी कि उन्हें कक्षा में हिजाब पहनकर आने की अनुमति दी जाए। इस पर हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया कि स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब या भगवा शॉल की अनुमति नहीं है। उसके बाद याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की चुनौती दी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करने से मना कर दिया और याचिकाकर्ताओं से उच्च न्यायालय से राहत मांगने के लिए कहा था। इस मामले में छात्राओं की याचिका पर तीन न्यायाधीशों की पीठ ने तर्क और प्रतिवाद सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो आज सुनाया गया है।
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