आज बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यवहार ने यह संकेत दे दिया है कि वे जल्दी ही भाजपा से दूरी बनाने जा रहे हैं। बता दें कि नीतीश कुमार भाजपा के समर्थन से ही मुख्यमंत्री के पद पर हैं और विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा भाजपा के विधायक हैं। पिछले कुछ समय से भाजपा और जदयू के बीच अनेक मामलों में मतभेद दिखे हैं। इसी मतभेद का नतीजा है कि आज नीतीश कुमार विधानसभा के अध्यक्ष पर ही भड़क गए।
नीतीश कुमार एक मामले को बार—बार उठाने से खफा थे। वह मामला लखीसराय का है। यहीं से विजय कुमार सिन्हा विधायक हैं। बता दें कि फरवरी महीने में सरस्वती पूजा के दौरान ऑर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया था। इसमें बार-बालाओं ने ठुमके लगाए थे और कुछ लोगों ने हथियारों के प्रदर्शन के साथ उन पर नोटों की बरसात की थी। बाद मेंं पुलिस ने ऐसे दो लोगों को पकड़ा था, जो ऑर्केस्ट्रा देखने गए थे। घटना के बाद विधानसभा अध्यक्ष अपने क्षेत्र में गए तो लोगों ने कहा कि जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वे निर्दोष हैं। असली अपराधी तो अभी भी बाहर घूम रहे हैं। इस पर अध्यक्ष ने लखीसराय के डीएसपी और थाना प्रभारी को बुलाकर पूछताछ की तो उन दोनों ने उनके साथ अभद्रता की। इसके बाद अध्यक्ष ने मुख्य सचिव और डीजीपी को बुलाकर दोनों को निलंबित करने के लिए कहा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए यह मामला बार—बार विधानसभा में उठ रहा है।
इसके साथ ही दो महीने के अंदर लखीसराय में नौ लोगों की हत्या हो चुकी है। इस पर भाजपा के एक विधायक ने सरकार से सवाल पूछा था। इसी बात पर नीतीश कुमार आपा खो बैठे।
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