भारत में 10 मार्च जैसे—जैसे उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत दर्शाते नतीजे आ रहे थे, वैसे वैसे पाकिस्तानियों का ब्लड प्रेशर बढ़ता जा रहा था। इसका सबूत सोशल मीडिया पर उनकी लिखी बातों से मिलता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की जीत का असानी से नहीं पचाया है। पाकिस्तानी बिफरे पड़ रहे थे उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत को लेकर।
भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीत की गूंज पाकिस्तान के कई नामी क्षेत्रों में भी सुनाई दी है। इनसे साफ पता चलता है पाकिस्तानी बौखलाए हुए हैं। बहुत से पाकिस्तानियों ने सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाली और अपनी ही सरकार को चेतावनियां देने लगे।
योगी की जीत से गुस्साए पाकिस्तानियों ने तो अपनी सरकार पर ही तंज कसते हुए कह दिया कि अब पाकिस्तान को भारत से टकराने के लिए 2019 की तुलना में और ज्यादा तैयार होना होगा।
पाकिस्तान के एक जाने—माने राजनीतिक विश्लेषक हैं मोशरफ जैदी। जैसे ही उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की जीत पक्की हुई, उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'यूपी में योगी आदित्यनाथ की जीत एक बार फिर इस बात को साफ करती है कि भारत का रास्ता अब बदलेगा नहीं। आने वाले समय में ये और खराब होने वाला है। 2019 के मुकाबले पाकिस्तान को दुस्साहसी भारत से निपटने के लिए और ज्यादा तैयारी करनी होगी।'
जहां पाकिस्तानी योगी आदित्यनाथ की जीत पर टसुए बहा रहे हैं वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत पर सोशल मीडिया पर उनकी खुशियां झलक रही हैं। सवाल है कि इसमें राज क्या है? ध्यान रहे, पंजाब सीमान्त प्रदेश है, लाहौर से सटा है और जहां पिछले काफी दिनों से खालिस्तानी तत्वों को दोबारा उकसाया जा रहा है।
लेकिन हैरानी और चिंता की बात है कि जहां पाकिस्तानी योगी आदित्यनाथ की जीत पर टसुए बहा रहे हैं वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत पर सोशल मीडिया पर उनकी खुशियां झलक रही हैं। सवाल है कि इसमें राज क्या है? ध्यान रहे, पंजाब सीमान्त प्रदेश है, लाहौर से सटा है और जहां पिछले काफी दिनों से खालिस्तानी तत्वों को दोबारा उकसाया जा रहा है। वहां ड्रोन से हथियार और नशीले पदार्थ गिराने की घटनाएं भी हाल में देखने में आई हैं। खालिस्तानी तत्वों के प्रति आम आदमी पार्टी की सरकार में कितनी सख्ती होगी इसे लेकर विशेषज्ञ संशय में हैं।
प्रधानमंत्री मोदी से पाकिस्तानियों में कितना भय है यह अशफाक नाम के किसी पत्रकार के जरिए मिलता है जो अरविंद केजरीवाल को मोदी का विकल्प तक बताने की हिमाकत करता है। यहां सवाल है कि पाकिस्तानियों में अरविंद केजरीवाल नाम के लिए इतनी चाहत कैसे है?
A Delhi based journalist with over 25 years of experience, have traveled length & breadth of the country and been on foreign assignments too. Areas of interest include Foreign Relations, Defense, Socio-Economic issues, Diaspora, Indian Social scenarios, besides reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, wildlife etc.
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