उत्तर प्रदेश में 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के मतों की गिनती होनी है। इसको लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बीच इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को सतर्क रहने को कहा है। सूत्रों की मानें तो आईबी से यह जानकारी मिली है कि प्रदेश के 17 जिलों में उपद्रव, हिंसा, आगजनी की घटनाएं हो सकती हैं। मतगणना में पिछड़ने वाले उम्मीदवार अपने समर्थकों को उकसा कर इन घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं।
आईबी की इस रिपोर्ट को लेकर केन्द्र सरकार ने चुनाव आयोग और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, डीजीपी से बातचीत की है। इस दौरान मतगणना स्थलों पर भारी सुरक्षा व्यवस्था, अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और मतगणना स्थलों पर भीड़ इकट्टठा नहीं होने देने का निर्देश दिया गया है।
इन जिलों का है नाम
आईबी से जो रिपोर्ट मिली है उसके अनुसार जनपद मुरादाबाद, संभल, सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, लखीमपुर-खीरी, अयोध्या आजमगढ़, जौनपुर, कानपुर जैसे जिले शामिल हैं। इसलिए चुनाव आयोग ने इन सभी जिलों में पुलिस और प्रशासन को और भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
क्या बोले एडीजी प्रशांत कुमार
कानून एवं व्यवस्था अपर पुलिस महानिदेशक ने बुधवार को चुनाव आयोग को मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की व्यवस्था के कड़े बंदोबस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में 70 हजार सिविल पुलिस, 245 कंपनी अर्द्धसैनिक बल, 69 कंपनी पीएसी की तैनात है। सभी महत्वपूर्ण जगहों पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई जाएगी। सभी जनपदों में धारा 144 लागू की गई है। विदित हो कि मंगलवार की रात से वाराणसी समेत कई जिलों में ईवीएम की गड़बड़ी को लेकर हंगामा मचा है। ईवीएम की सुरक्षा के लिए स्ट्रांग रूम के बाहर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बैठे हैं। इसी हंगामे को लेकर आईबी की ओर से सतर्कता बरतने को कहा गया है।
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