रूस-यूक्रेन संकट में भारत का संतुलित रुख
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

रूस-यूक्रेन संकट में भारत का संतुलित रुख

by हितेश शंकर
Mar 9, 2022, 12:29 am IST
in भारत, सम्पादकीय, दिल्ली
राष्ट्रपति जेलेंस्की, प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति पुतिन

राष्ट्रपति जेलेंस्की, प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति पुतिन

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
इस समय जरूरत है कि एक देश की तरह से सोचें न कि उन लोगों की तरह कि जो भारत को बदनाम करने वाले वीडियो को राजनीतिक पूंजी या पांसे की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं। पूरी दुनिया भारत की ओर बड़े प्रशंसा भाव से देख रही है।

रूस-यूक्रेन संकट लंबा खिंचता दिख रहा है और इसके साथ ही जो लोग भारत के एक झटके में किसी एक पक्ष के साथ खड़ा होने की वकालत कर रहे थे, वह भी पेसोपेश में हैं या पाला बदलते हुए बेचैन हैं। प्रश्न यह है कि क्या भारत को इसमें पक्ष बनना चाहिए था? इस संकट को हमें किस दृष्टिकोण से देखना चाहिए? जो इसे केवल भौगोलिक विस्तार की आकांक्षाओं का टकराव मानते हैं, वे शायद आकलन में चूक रहे हैं।इस संकट को देखने-समझने के लिए मोटे तौर पर चार आयाम हो सकते हैं।

  • यह संसाधनों पर वर्चस्व पर लड़ाई है, जिसका आधार प्राकृतिक गैस है। एक अनुमान के अनुसार यूक्रेन में नार्वे के बाद यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार (1.09 ट्रिलियन घन मीटर) है।  
  • पश्चिमी दृष्टिकोण जो मानवाधिकार की बात कर रहा है और दूसरे शासन को अधिनायकवादी आरोपित करने पर तुला है। 
  • इसका भू-राजनीतिक समीकरण, यूक्रेन के नाटो खेमे में चले जाने पर नाटो का दखल रूस की सीमा तक हो जाएगा, और 
  • टकराव के ऐतिहासिक कारण, दुनिया में प्रोटेस्टेंट और आथोर्डाक्स चर्चों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चलती रही है।

भारत ने चुना कठिन मार्ग
भारत का दृष्टिकोण इन सबसे अलग है। दुनिया इस संकट को जैसे चाहे देखे, हमारे लिए प्रश्न है कि हम इसे कैसे देखेंगे क्योंकि भारत का दृष्टिकोण भारतीय संदर्भों में से ही तलाशना होगा। भारत के लिए किसी एक का पक्ष लेना सरल था परंतु भारत ने इस हिंसाग्रस्त और अत्यंत तनावपूर्ण क्षेत्र में फंसे हजारों छात्रों और भारतीय हितों को ऊपर रखते हुए ज्यादा कठिन मार्ग चुना। अभी भी यूक्रेन से हजारों भारतीयों को बाहर निकालने का काम जारी है। और,इसके लिए सरकार के मंत्री बिल्कुल अग्रिम मोर्चे पर तैनात हैं। पूरी दुनिया में ऐसी संवेदनशीलता, त्वरितता और कूटनीतिक समाधान के प्रयास कहीं नहीं दिख रहे।

  दूसरे, कुछ लोगों को लग रहा था कि यह यूक्रेन और रूस के बीच का संकट है। परंतु समझने की बात यह है कि इसका विस्तार महज दो देशों के बीच है या दो महाशक्तियों के बीच? एक ओर रूसी प्रभाव की सीमाएं हैं और दूसरी तरफ नाटो का बढ़ता प्रभाव क्षेत्र है।

  कुछ लोग शुरू में भारत के विरोध में दिखने लगे थे। आज जब यह संकट लंबा खिंचा है तो प्रश्न यह है कि क्या इस सुलगते क्षेत्र में भारत को हथियार भेजने चाहिए थे? एक की पीठ पर हाथ रखकर दूसरे को ललकारने का रास्ता भारत ने चुना होता तो इन छात्रों का क्या होता?

  भारत ने सुरक्षा परिषद को बताया है कि वह प्रभावित पक्षों के संपर्क में है और वार्ता से इस मुद्दे का हल चाहते हुए प्रभावित पक्षों से वार्ता की मेज पर लौटने का आग्रह करता है। मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों में बात हुई। दोनों इस पर सहमत हैं कि क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति स्थापित हो। भारत के रुख से अमेरिका को, रूस को या फ्रांस को दिक्कत नहीं है परंतु भारत के कुछ बुद्धिजीवियों को दिक्कत अवश्य है।

   उनकी दिक्कत पोलैंड के राजदूत ने यह कह कर बढ़ा दी कि यह वैसा ही हमला है जैसे मुगलों ने राजपूतों का नरसंहार किया था। भारत में मानवाधिकार की बात करने वालों को मुगलों का हिंसक स्वरूप रूपक के तौर पर भी स्वीकार नहीं होता। यह बात समझ में आती है। और इससे यह भी समझ में आता है कि यह संकट चुनिंदा चुप्पियों से हल होने वाला नहीं है। सबको इसके लिए मिलकर काम करना पड़ेगा।

भारत का रुख भारतीय हितों के अनुरूप
इस तथ्य को इस संदर्भ में समझना चाहिए कि कुछ लोगों को लग रहा था कि यह सिर्फ कुछ घंटों का खेल है और अब लगातार धमाके और बिगड़ती स्थिति बता रही है कि भारत ने हड़बड़ी में किसी भी तरह की गड़बड़ी करने के बजाय अच्छी तरह सोच-विचार कर जो मार्ग चुना है, वह कूटनीतिक दृष्टि से सही और भारतीय हितों को पूरा करने वाला है। और, भारत का यह राहत अभियान सिर्फ भारतीयों के लिए नहीं है। छात्रों को लाने वाले विमानों में राहत सामग्री जा रही है। तुर्की और पाकिस्तान के छात्र भी आज तिरंगे की ताकत मान रहे हैं और तिरंगे के साथ वहां से निकल कर आ रहे हैं।

 भारत ने सही रास्ता चुना है। इस समय जरूरत है कि एक देश की तरह से सोचें न कि उन लोगों की तरह कि जो भारत को बदनाम करने वाले वीडियो को राजनीतिक पूंजी या पांसे की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं। पूरी दुनिया भारत की ओर बड़े प्रशंसा भाव से देख रही है। बाकियों के लिए यह अभियान मिसाल है। और, जो लोग इस पर चयनित तरीके से सोचते हैं, जिनका नैरेटिव इस देश का नहीं है, उनकी चिंताएं भी इस देश के लिए नहीं हैं, उनको सामाजिक विमर्श से किनारे करने, बुहारने की जरूरत है।

@hiteshshankar

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

“भय बिनु होइ न प्रीति “: पाकिस्तान की अब आएगी शामत, भारतीय सेना देगी बलपूर्वक जवाब, Video जारी

खेत हरे, खलिहान भरे

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies