प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के केंद्रीय कोर कमेटी का सदस्य मिथिलेश मेहता उर्फ मिथलेश महतो उर्फ रोहित उर्फ अभिषेक उर्फ भिखारी उर्फ गेहूं दा को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया है। उक्त नक्सली की गिरफ्तारी गया जिला के आमस थाना क्षेत्र से हुई है। मिथिलेश को पुलिस को कई कांडों में तलाश थी।
गया के एसएसपी हरप्रीत कौर ने मंगलवार को प्रेसवार्ता आयोजित कर बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली मिथिलेश मेहता झारखंड राज्य के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र से इलाज के लिए गया आने वाला है। जिसके बाद एक स्पेशल टीम का गठन किया गया। जिसमें गया और औरंगाबाद जिला पुलिस के अलावा सीआरपीएफ एवं कोबरा की टीम को शामिल किया गया। पुलिस की कई टुकड़िया बंटकर गया-औरंगाबाद सीमा क्षेत्र पर तैनात थी। तभी आमस थाना क्षेत्र के डेल्हो-महापुर सड़क मार्ग पर एक व्यक्ति को संदेह के आधार पर रोक-कर पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद यह सत्यापन हुआ कि यह वही नक्सली है, जिसके बारे में पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी।
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार नक्सली मिथिलेश मेहता औरंगाबाद जिले के कुटुंबा थाना क्षेत्र का विष्णुपुर खैरा गांव का रहने वाला है। इसकी तलाश पुलिस को कई कांडों में थी। उन्होंने बताया कि मिथिलेश मेहता वर्ष 1989 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। वर्ष 2004 में यह भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी का सदस्य बना। वर्ष 2001 में झारखंड के रंका थाना थाना क्षेत्र में पुलिस माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में शामिल था। इसी कांड में वर्ष 2007 में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जो लगातार 11 वर्षों तक जेल में रहा। वर्ष 2018 में जेल से छूटने के बाद पुनः नक्सली गतिविधि में शामिल हो गया। वर्ष 2019 में गया जिला के छकरबंधा थाना क्षेत्र में रहकर नक्सली गतिविधियों को अंजाम देता रहा।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में बांकेबाजार थाना क्षेत्र के सोनदाहा गांव में सरकारी भवन को विस्फोट कर उड़ाने में शामिल था। साथ ही धनगाई थाना क्षेत्र के झांझी गांव में सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस पर हमला करने सहित अन्य कई कांडों में इसकी संलिप्तता रही है। उन्होंने बताया कि बिहार झारखंड के विभिन्न थानों में इसके ऊपर कई मामले दर्ज हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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