रूस—यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका का से एक और चौंकाने वाली खबर आई है। अमेरिका के एक अखबार ने रिपोर्ट छापी है कि यूक्रेन से चल रहे युद्ध के लिए रूस ने सीरिया के लड़ाकों को अपनी फौज में शामिल किया है जिससे कि यूक्रेन की राजधानी कीव जल्दी ही उसके कब्जे में आ जाए। इस अखबार ने यह समाचार अमेरिका के अधिकारियों के हवाले से छापा है।
रूस—यूक्रेन युद्ध 13 दिन में प्रवेश कर रहा है। अपने कई शहरों के इसकी चपेट में आने के बाद भी, यूक्रेन के सैनिक ही नहीं, हथियारबंद आम यूक्रेनवासी भी रूस के सैनिकों का हिम्मत के साथ संघर्ष कर रहे हैं। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि संभवत: रूस ने यह नहीं सोचा था कि यूक्रेन इतने दिनों तक उसका हमला झेल पाएगा और युद्ध लंबा खिंचता जाएगा।
अमेरिकी अधिकारी का तो यहां तक कहना है कि 2015 में सीरिया में हुए गृहयुद्ध के बाद से ही कुछ सीरियाई लड़ाके रूस की सेना से जुड़े हुए हैं। अभी यह तो साफ नहीं हो पाया है कि सीरिया से कितने लड़ाके रूसी सेना में शामिल हुए हैं। लेकिन इस बात के कयास काफी पहले से लगाए जा रहे थे कि इस लड़ाई में दोनों ही पक्षों में बाहरी लड़ाके शामिल हैं।
यह सही है कि यूक्रेन के मुकाबले रूस की ताकत कई गुना ज्यादा है, यूक्रेन के पास उतनी बड़ी फौज नहीं है, लेकिन उसके नागरिकों में देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना भी साफ दिखाई दे रही है। यूक्रेन के आम नागरिक अपने सुरंगें खोद रहे हैं, सेना के लिए आवश्यक चीजें इकट्ठी कर रहे हैं, पेट्रोल बम बना रहे हैं, खून दान कर रहे हैं आदि आदि।
रूस यह जानता है और शायद उसे यह भी लगा होगा कि युद्ध का निपटारा जल्दी हो जाएगा और यूक्रेन घुटनों पर आ जाएगा। लेकिन तो भी रूस कोई मौका न गंवाते हुए अपनी सेना का और दमदार करने के लिए कथित सीरियाई लड़ाकों को इसमें शामिल कर रहा है। उसकी इच्छा है कि कीव पर जितनी जल्दी हो उसका कब्जा हो जाए जिससे वह पश्चिमी नाटो देशों, विशेष रूप से अमेरिका से मोल—तोल की स्थिति में आ जाए। अमेरिका के सामरिक अधिकारियों को इस बात की आशंका है कि रूस ने बड़ी संख्या में सीरिया के लड़ाके अपनी सेना में भर्ती कर लिए हैं, जिन्हें वह कीव में उतारने वाला है। उनका कहना है कि सीरियाई से आए लड़ाके कीव को कब्जाने में रूसी सेना की बहुत मदद कर सकते हैं।
एक अमेरिकी अधिकारी का तो यहां तक कहना है कि 2015 में सीरिया में हुए गृहयुद्ध के बाद से ही कुछ सीरियाई लड़ाके रूस की सेना से जुड़े हुए हैं। अभी यह तो साफ नहीं हो पाया है कि सीरिया से कितने लड़ाके रूसी सेना में शामिल हुए हैं। लेकिन इस बात के कयास काफी पहले से लगाए जा रहे थे कि इस लड़ाई में दोनों ही पक्षों में बाहरी लड़ाके शामिल हैं। चेचन्या के नेता रमजान कादिरोव का दावा है कि यूक्रेन पर रूसी हमले में चेचनियाई फौजी भी सम्मिलित हैं। जबकि यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने बताया है कि करीब 20,000 विदेशी मददगार कीव में यूक्रेन की सेना में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं।
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