बिहार के मुस्लिम—बहुल गांवों में ऐसी घटनाओं की बाढ़ आ गई है, जिनमें कोई मुसलमान किसी हिंदू युवती या बच्ची के साथ बलात्कार करता है और बाद में पंचायत के जरिए पीड़िता को कुछ पैसे दिलाकर मामले को शांत करा दिया जाता है।
ऐसी ही एक घटना सहरसा जिले के सोनबरसा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत बसनही थाना क्षेत्र में हुई है। उल्लेखनीय है कि 24 फरवरी की रात को मो. सरफराज, मो. शमशाद और मो. हिराज ने बारी पंचायत के महादलित टोले की दो नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर लिया था। ये लोग दोनों को मकई के खेत में ले गए। वहां से एक लड़की किसी तरह भागने में सफल रही, लेकिन वह इतनी डर गई थी कि वह किसी को कुछ बताने की स्थिति में नहीं थी। इस बीच दूसरी लड़की के साथ उन तीनों ने घंटों बलात्कार किया। इसके बाद वे तीनों उस लड़की को एक जगह छोड़कर भाग गए। वहां निढाल पड़ी उस लड़की पर 25 फरवरी की सुबह एक परिचित शिक्षक की नजर पड़ी तो उन्होंने उससे पूछा कि इस तरह यहां क्यों पड़ी हो! इसके बाद उस युवती ने उन्हें अपनी आपबीती सुनाई। पीड़िता ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी। इसके बाद उस शिक्षक ने उसे घर तक पहुंचाया और उसके परिजनों को पूरी जानकारी दी। बच्ची ने स्पष्ट रूप से बताया कि उसके साथ गांव के ही मो. सरफराज, मो. शमशाद और मो. हिराज ने गलत काम किया है। इसके बाद 26 फरवरी को गांव में पंचायत बुलाई गई। पंचायत में तीनों ने अपनी गलती स्वीकार की। इसके बाद पंचायत ने एक को 31,000 रु., दूसरे को 21,000 रु. और तीसरे को 11,000 रु. का जुर्माना देने को कहा और मामले को रफा—दफा कर दिया।
इस घटना की जानकारी जब विश्व हिन्दू परिषद् के स्थानीय कार्यकर्ताओं को हुई तो वे लोग सक्रिय हुए। इन लोगों ने सहरसा के वरीय पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह से लेकर पटना स्थित पुलिस मुख्यालय तक को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। सहरसा महिला थाने में 2 मार्च को मामला दर्ज किया गया। बढ़ते जन दबाव को देखते हुए स्थानीय विधायक रत्नेश सदा भी सक्रिय हुए। उन्होंने बसनही थानाध्यक्ष के बारे में मुख्यमंत्री से शिकायत की। बता दें कि बसनही थानाध्यक्ष मामला दर्ज करने में कोताही बरत रहे थे। जब 2 मार्च को मामला दर्ज हुआ तो आरोपितों की ओर से कुछ लोगों ने पीड़ित परिवार पर न्यायालय में बयान न देने का दबाव बनाया। इसके बाद पुलिस ने 4 मार्च की देर रात को मुख्य अभियुक्त मो. सरफराज को पाक्सो एवं एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शेष आरोपितों की तलाश की जा रही है।
इससे पहले अररिया जिले में छह वर्ष की एक हिंदू युवती के साथ बलात्कार हुआ था। उस समय भी गांव वालों ने आरोपी मोहम्मद मेजर को बचाने का प्रयास किया था, लेकिन हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ताओं के कारण वह मामला पुलिस तक पहुंचा था और दो महीने पहले ही मोहम्मद मेजर को अररिया की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। बिहार में ऐसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। इससे लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
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