पाकिस्तान में पिछले कई दिनों से चल रहे इमरान सरकार के विरुद्ध विश्वास मत का विपक्षी शगूफा आखिरकार औंधे मुंह जा गिरा। सदन में इमरान खान की सरकार के पाले में 178 मत पड़े जबकि बहुमत के लिए 172 मत चाहिए थे। 11 दलों के गठजोड़ वाले विपक्ष ने विश्वास मत के दौरान असेंबली का बहिष्कार करने के बाद पलड़ा इमरान सरकार के पाले में जाता दिखने लगा था। लेकिन असेम्बली के बाहर गए विपक्ष को लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा, उन पर जूते फेंके गए।
पता चला है कि असेम्बली के बाहर वह हंगामा इमरान की पार्टी तहरीके इंसाफ के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था। फ्लोर टेस्ट के दौरान सदन से वॉकआउट करने के बाद जैसे ही विपक्षी नेता असेंबली से बाहर गए, वहां उनके विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने उन पर जूते फेंके। विपक्षी मुस्लिम लीग पार्टी की नेता मरियम नवाज पर इमरान खान के समर्थकों द्वारा हमला बोल दिया गया। पता यह भी चला कि उन्हें कुछ लात—घूसे भी लगे।
बहरहाल, सदन का विश्वास प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री इमरान ने पौने घंटे तक सदन में भाषण दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरक्की को कोई रोक नहीं सकता। चुनाव सुधार के लिए भी काम किया जा रहा है और अब दूसरे देशों में बसे पाकिस्तानी भी वोट कर सकेंगे। और तो और अब इलेक्ट्रॉनिक मशीन से वोट डाले जाएंगे, इस पर काम चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस विश्वास मत को लेकर विपक्ष पिछले कई दिन से सरकार पर हमलावर था और ऐसा माहौल बना दिया गया था कि इमरान अब गए कि तब गए। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लंदन से कथित हरकत में आते हुए विपक्षी दलों को एकजुट करके अगले प्रधानमंत्री पर सबको एकमत भी कर लिया था। लेकिन आज की स्थिति में सदन में मत विभाजन को देखें तो इमरान सरकार को पहले से भी 6 सांसदों को अतिरिक्त समर्थन हासिल हो गया है।
असेंबली में मत विभाजन से पहले चेयरमैन ने विपक्षी सदस्यों को 5 मिनट का वक्त दिया कि वे असेंबली में आ जाएं, लेकिन कोई पहुंचा ही नहीं। लिहाजा असेंबली के सारे दरवाजे बंद कर दिए गए और मतदान कराया गया। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया। विश्वास मत जीतने के लिए इमरान खान की सरकार को 172 मत चाहिए थे, लेकिन उन्हें मिले 178 मत। ऐसे इमरान ने 6 मतों से विश्वास मत जीत लिया। असेंबली के अध्यक्ष ने कहा कि जब इमरान खान ने सरकार बनाई थी तब उनके पाले में 176 मत थे, लेकिन आज ये 178 हो चुके हैं।
बाद में इस्लामाबाद के पत्रकार सैयद तलत हुसैन द्वारा सोशल मीडिया पर साझे किए एक वीडियो में कुछ लोग विपक्षी नेताओं से हाथापाई करते दिखे। उधर विपक्ष गुट के नेता रहमान का कहना है कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने जो सत्र बुलाया है, उसका अर्थ ही है कि इमरान खान ने बहुमत खो दिया है। इसलिए उन्हें विश्वास मत प्राप्त करना होगा। लेकिन विश्वास मत से पहले ही विपक्ष ने एक तरह से अपनी हार स्वीकार करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
उल्लेखनीय है कि इस विश्वास मत को लेकर विपक्ष पिछले कई दिन से सरकार पर हमलावर था और ऐसा माहौल बना दिया गया था कि इमरान अब गए कि तब गए। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लंदन से कथित हरकत में आते हुए विपक्षी दलों को एकजुट करके अगले प्रधानमंत्री पर सबको एकमत भी कर लिया था। लेकिन आज की स्थिति में सदन में मत विभाजन को देखें तो इमरान सरकार को पहले से भी 6 सांसदों को अतिरिक्त समर्थन हासिल हो गया है।
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