हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को मनोहर लाल की अगुआई वाली भाजपा सरकार ने कन्वर्जन विरोधी विधेयक पेश किया। इसमें जबरन कन्वर्जन पर 10 साल तक की कैद का प्रावधान किया गया है। विश्व हिन्दू परिषद ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं, कांग्रेस ने विधेयक का विरोध किया है।
राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने विधानसभा में ‘हरियाणा विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक-2022’ पेश करते हुए बताया कि इस प्रस्तावित कानून में सजा की तीन श्रेणियां हैं। खासतौर से नाबालिग, महिला, एससी-एसटी समुदाय के लोगों के जबरन कन्वर्जन करने पर सजा के कड़े प्रावधान किए गए हैं। बता दें कि इस साल 8 फरवरी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर प्रस्तावित विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिलने की जानकारी दी थी।
कांग्रेस ने विधेयक की प्रति फाड़ी
प्रस्तावित कानून का विरोध करते हुए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया। कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रघुबीर सिंह कादियान ने तो विधेयक की प्रति ही फाड़ दी। इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह सदन में पेश कानूनी दस्तावेज का अपमान है। ऐसा कर के सदन की मर्यादा का हनन किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया ऐसा करने वाले सदस्यों का मामला विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाएगा। बाद में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधायक भारत भूषण बत्रा, जो रूल्स कमेटी के चेयरमैन भी हैं, के अनुरोध पर इस मामले पर विशेषाधिकार समिति को भेजने का आश्वासन दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने रघुबीर सिंह कादियान को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित भी कर दिया है।
जबरन कन्वर्जन पर लगेगी रोक
विधेयक लाने के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऐसे कई मामले संज्ञान में आए हैं कि प्रदेश में लालच देकर लोगों का कन्वर्जन किया गया। इनमें कुछ का तो जबरन कन्वर्जन किया गया, जबकि ऐसे भी मामले आए हैं कि झूठ बोलकर दूसरे धर्म की लड़कियों से शादी की, फिर उन्हें कन्वर्जन के लिए मजबूर किया गया। इस तरह की घटनाएं न केवल हमारी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करती हैं, बल्कि समाज के सामाजिक-धार्मिक ताने-बाने को भी ठेस पहुंचाती हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए हमने ‘हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म-परिवर्तन निवारक विधेयक-2022’ बनाया है।
कन्वर्जन की पूर्व सूचना देनी होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति स्वेच्छा से कन्वर्ट होना चाहता है तो प्रस्तावित विधेयक उस पर रोक नहीं लगाता, बशर्ते इसके लिए उस व्यक्ति को जिला मजिस्ट्रेट के पास आवेदन करना होगा। साथ ही, कन्वर्जन करने वाले व्यक्ति को इसकी पूर्व सूचना जिला मजिस्ट्रेट को देनी होगी। उसके द्वारा दिए गए आवेदन की प्रति को जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया जाएगा। इस पर कोई भी व्यक्ति 30 दिनों के भीतर लिखित में अपनी आपत्ति दर्ज करा सकेगा। जांच के बाद जिला मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कन्वर्जन में धारा-3 का उल्लंघन किया गया है या नहीं। कानून का उल्लंघन होने की सूरत में कन्वर्जन की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला मजिस्ट्रेट के फैसले के विरुद्ध 30 दिनों के अंदर मंडल आयुक्त के समक्ष अपील की जा सकती है।
10 साल तक की कैद, 4 लाख तक जुर्माना
विधेयक में लालच, छल-बल, धोखे से या झूठ बोलकर कन्वर्जन करने पर एक से पांच साल की कैद और कम से कम एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। पहचान छिपाकर विवाह करने पर 3 से 10 साल की कैद और कम से कम 3 लाख रुपये जुर्माना और इस विधेयक की धारा-3 के उपबंधों का उल्लंघन कर सामूहिक कन्वर्जन करने पर 5 से 10 साल कैद की सजा व कम से कम 4 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई संस्था या संगठन इस अधिनियम के उपबंधों का उल्लंघन करता है तो उसे भी इस अधिनियम की धारा-12 के अधीन दंडित किया जाएगा और उसका पंजीकरण भी रद्द कर दिया जाएगा। इस अधिनियम का उल्लंघन करने का अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होगा। विधेयक की धारा-3 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति झूठ बोल कर, लालच देकर, जबरन, धमका कर या अनुचित प्रभाव या डिजिटल माध्यम का उपयोग सहित किसी भी कपटपूर्ण माध्यम से, विवाह द्वारा या विवाह के लिए प्रत्यक्ष या किसी भी अन्य तरीके से न तो कन्वर्जन करा सकता है और न ही कन्वर्जन का प्रयास कर सकता है।
मेवात जैसे हिंदुओं के कब्रगाह बना दिए
विहिप के संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने कहा कि इस विधेयक से प्रस्तुत कर मुख्यमंत्री ने अपने दृढ़ संकल्प का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि अवैध कन्वर्जन, लव जिहाद तथा इन माध्यमों से राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र रचने वाले तत्वों पर इस प्रस्तावित कानून से अवश्य रोक लगेगी। हरियाणा हमेशा से धर्म क्षेत्र रहा है, जहां मानव सभ्यता पुष्पित और पल्लवित हुई। दुर्भाग्य से अवैध कन्वर्जन ने यहां मेवात जैसे हिंदुओं के कई कब्रगाह बना दिए थे। इन क्षेत्रों से समय-समय पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त तत्वों को पकड़ा गया है। मुल्ले-मौलवियों ने न केवल इन गतिविधयों को बढ़ावा दिया, बल्कि मुस्लिम समुदाय को भी कट्टरता में धकेलने का षड्यंत्र रच रहे हैं। ईसाई मिशनरी भी लगातार धोखा देकर या लालच देकर भोले-भोले लोगों का कन्वर्जन करा रही हैं। हरियाणा की धर्म परायण जनता से इन अराष्ट्रीय तत्वों के कई बार संघर्ष भी हुए। इन तत्वों ने कई बार राज्य की कानून व्यवस्था को चुनौती देने का दुस्साहस किया है। लेकिन अब इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद इस पर अवश्य रोक लगेगी और राज्य में सामाजिक सौहार्द और शांति का माहौल बन सकेगा।
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