प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उन अग्रवाल भाइयों के विरुद्ध कड़ा कदम उठाया है जिन्होंने देश के कायदे—कानूनों की धजिज्यां उड़ाते हुए फर्जी कंपनियां खड़ी कीं और उनके माध्यम से हांगकांग में करोड़ों रुपए बनाए। सुमित अग्रवाल और सचिन अग्रवाल के विरुद्ध 'फेमा' के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करीब 5 करोड़ रुपये की चल—अचल संपत्ति जब्त की है। जब्त की गई संपत्ति में दो करोड़ रुपये से ज्यादा नकद पैसा बरामद किया गया है। अग्रवाल बंधुओं पर यह छापेमारी उनके दिल्ली के ठिकाने पर की गई थी।
ईडी के एक बड़े अधिकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई निवासी सचिन और दिल्ली में रह रहे उसके भाई सुमित अग्रवाल के विरुद्ध फेमा के अंतर्गत जांच आरम्भ की थी। इन दोनों भाइयों पर फर्जी कंपनियों के माध्यम से निर्यात—आयात के रूप में हांगकांग में संपत्ति बनाने का आरोप है। बताया गया है कि ये दोनों एक कंपनी के नाम पर 20 करोड़ रुपये हांगकांग लेकर गए थे। इतना ही नहीं, जिस कंपनी के माध्यम से संपत्ति खड़ी की गई, उसका वास्तविक लाभ इन दो भाइयों को ही हुआ था।
प्रवर्तन निदेशालय ने पूरी जानकारी लेकर दोनों भाइयों के स्थानों पर पिछले साल नवंबर में छापा मारा था। उनके ये ठिकाने मुंबई, दिल्ली, केरल, राजस्थान तथा चेन्नै में हैं जहां छापेमारी की गई थी। इस कार्रवाई में ही दिल्ली में सुमित अग्रवाल के ठिकाने से नकद दो करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा जब्त किया गया था। अब तक की जांच से पता चला है कि ये दोनों भाई फेमा के नियमों को ताक पर रखकर हांगकांग में अपना बेनामी कारोबार चला रहे थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने पूरी जानकारी लेकर दोनों भाइयों के स्थानों पर पिछले साल नवंबर में छापा मारा था। उनके ये ठिकाने मुंबई, दिल्ली, केरल, राजस्थान तथा चेन्नै में हैं जहां छापेमारी की गई थी। इस कार्रवाई में ही दिल्ली में सुमित अग्रवाल के ठिकाने पर नकद दो करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा जब्त किया गया था। अब तक की जांच से पता चला है कि ये दोनों भाई फेमा के नियमों को ताक पर रखकर हांगकांग में अपना बेनामी कारोबार चला रहे थे। उस कारोबार में पैसे लगाने या उसे पैसे भेजने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अथवा किसी अन्य सरकारी संस्था से कोई इजाजत नहीं ली गई थी।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच के बाद, जिस नियम के तहत उन पर कार्रवाई की जा रही है उसके अंतर्गत विदेशों में उनकी जितने मूल्य की संपत्ति है उसी के बराबर का पैसा चल—अचल संपत्ति से आरोपी से अपने ही देश में जब्त की जाती है। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह भी जानना है कि दोनों भाई पैसा वहां कैसे लेकर गए थे, इसके लिए उन्होंने क्या—क्या तरीके इस्तेमाल किए थे। यह भी पता लगाया जाना है कि इन दोनों की विदेशों में कितनी संपत्ति है।
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