कोरोना की उत्पत्ति को लेकर दुनियाभर में शोध जारी हैं। अधिकांश वैज्ञानिकों के अध्ययन कोरोना वायरस के लिए चीन और उसकी वुहान लैब को कटघरे में खड़े कर चुके हैं। इस सिलसिले में दो नए शोध को निष्कर्ष है कि कोरोना वायरस वुहान के सीफूड बाजार में ही पैदा हुआ और यह जानवरों से इंसान के शरीर में गया था।
ये दोनों अध्ययन इशारा करते हैं कि कोविड-19 के लिए जिम्मेदार वायरस सार्स-सीओवी-2 (SARS-CoV-2 virus) वुहान स्थित हुआनान सीफूड बाजार में जानवरों में उपजा था। जानवरों से नवंबर के अंत या दिसम्बर 2019 के शुरू में यह इंसानों में पहुंचा था।
उल्लेखनीय है कि पहले अध्ययन में स्थानिय ब्योरो जांचा गया। पता लगाया गया कि क्या दिसंबर 2019 में शुरू शुरू में कोरोना वायरस संक्रमण के जिन मामलों का इलाज किया गया था, वे वुहान के इस बाजार में ही थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि वायरस के लिए जांच के पर्यावरणीय नमूने जीवित जानवरों को बेचने वाले दुकानदारों में देखे गए थे।
शोधकर्ता वोरोबे का कहना है, “हमने देखा कि दिसंबर 2019 में मामले हुआनान सीफूड बाजार के पास ज्यादा केंद्रित थे, जैसी कि उम्मीद की जा सकती थी…इसका केंद्र बाजार में था।” एक अन्य शोध में देखा गया कि दो मुख्य वायरल जीनोम कम से कम दो मामलों की वजह से थीं जिनमें वायरस जानवरों से मनुष्यों में आया था।
बता दें कि अमेरिका की एरिजोना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल वोरोबे का कहना है, “दिसंबर 2019 में लक्षण की शुरुआत के साथ ही वुहान में पता लगे ज्यादातर कोविड-19 मामलों के लिए अक्षांश और देशांतर का पता लगाने के लिए सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति पर विश्व स्वास्थ्य संगठन मिशन की रिपोर्ट के नक्शे प्रयोग किए।”
दिलचस्प बात है कि दोनों ही शोध पत्र वोरोबे ने ही लिखे हैं। उनका कहना है, “हमने देखा कि दिसंबर 2019 में मामले हुआनान सीफूड बाजार के पास ज्यादा केंद्रित थे, जैसी कि उम्मीद की जा सकती थी…इसका केंद्र बाजार में था।” एक अन्य शोध में देखा गया कि दो मुख्य वायरल जीनोम कम से कम दो मामलों की वजह से थीं जिनमें वायरस जानवरों से मनुष्यों में आया था।
शोधकर्ताओं का कहना है कि पहला संचरण सबसे ज्यादा नवंबर के अंत या दिसंबर 2019 के शुरू में हुआ था, और दूसरा जीनोम संभवतः पहली घटना के हफ्तों के अंदर आ गया था। उनका मानना है कि ये निष्कर्ष उस छोटे दायरे को दिखाते हैं जब सार्स-सीओवी-2 ने पहली बार इंसानों को संक्रमित किया तथा कोविड-19 के शुरुआती मामले देखने में आए।
अपने दूसरे शोधपत्र में वोरोबे लिखते हैं, “2002 में सार्स-सीओवी-1 और 2003 में सार्स-सीओवी-2 में उभार बहुत हद तक कई ‘जूनोटिक’ घटनाओं से हुआ था।'' बता दें कि इन दोनों शोधपत्रों की विशेषज्ञों की तरफ से समीक्षा होनी बाकी है।
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