गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत उज्जैन प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने दो दिन तक मालवा प्रांत के कार्यकर्ताओं के साथ कई विषयों पर चर्चा की। श्री भागवत एक दिन महाकाल मंदिर भी पहुंचे और वहां दर्शन—पूजन किया।
इसी दौरान उन्होंने उज्जैन स्थित इस्कान मंदिर में स्वामी गोपालकृष्ण गोस्वामी जी महाराज से भेंट की। इसके अलावा उन्होंने चिंतामण मार्ग पर बने विद्या भारती के प्रांत कार्यालय का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में नई शिक्षा नीति की बहुत आवश्यकता है।
उनका कहना था कि जब मातृभाषा की वकालत करने की बात होती है तो प्रस्तावना भी अंग्रेजी में पढ़ी जाती है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मातृभाषा को बढ़ावा देना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए समझाया कि वर्तमान माहौल में केवल पाठ्यक्रम की शिक्षा ही आवश्यक नहीं है, बल्कि पाठ्यक्रम के साथ-साथ मानवता का पाठ पढ़ना भी जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पाठ विद्या भारती के शिक्षण संस्थनों में पढ़ाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि चिंतामण मार्ग पर स्थित विद्या भारती के प्रांत कार्यालय की नींव 2018 में रखी गई थी। यहां पर 11 करोड़ रु. की लागत से भव्य कार्यालय बनाया गया है। पूरा पैसा जन सामान्य से दान में मिला है। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह, इंदर सिंह परमार सहित अन्य कई मंत्री, सांसद और विधायक उपस्थित थे।
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