मुरादाबाद पुलिस ने सट्टा किंग के नाम से कुख्यात अजीम को गिरफ्तार करके सट्टे के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। अजीम ने मुरादाबाद के थाना सिविल लाइंस, सदर कोतवाली, नागफनी, मुगलपुरा, कटघर आदि थाना क्षेत्रों में अपना नेटवर्क फैला रखा था। वह लोगों से पैसा इकट्ठा करके उसे दिल्ली से संचालित हो रही सट्टा किंग नाम की वेबसाइट में लगाता था।
रकम की लेनदेन नोट के आधे टुकड़े के मिलान से होती थी
शनिवार देर रात को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बब्लू कमार ने पुलिस लाइन सभागार में प्रेस कांफ्रेंस कर अजीम के नेटवर्क का खुलासा किया। मुरादाबाद में कोतवाली थाना क्षेत्र के नई बस्ती का रहने वाला अजीम वेबसाइट बनाकर सट्टे का अवैध धंधा कर रहा था। अजीम का सट्टा साम्राज्य इतना बड़ा था कि उसने रकम वसूली के लिए 12 से अधिक मुंशी रख रखे थे, जो सट्टे की रकम महानगर के अलग-अलग स्थानों से एकत्रित करते थे। रूबी उर्फ मुनीन नाम का व्यक्ति अजीम का सबसे प्रमुख था, जो मुंशियों से पैसे एकत्र करता था। रकम की लेनदेन नोट के आधे टुकड़े के मिलान से होती थी। लोकल एजेंट्स को अजीम 10 फीसदी रकम देता था। 3 फीसदी रकम खर्चा पानी के नाम पर अलग रखी जाती थी। मुरादाबाद के साथ अमरोहा में भी अजीम ने अपना सट्टे का नेटवर्क फैला रखा था। अजीम ने जुए और सट्टे के धंधे से करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटा ली है। नई बस्ती में ही उसका एक चार मंजिला आलीशान मकान है। यहीं उसके तीन अन्य मकान भी हैं। पुलिस उसकी बाकी संपत्तियों के बारे में भी पता लगाने की कोशिश कर रही है।
इस्लाम से सट्टे का काम सीखा
अजीम के ऊपर मुरादाबाद के अलग-अलग थानों में 9 मुकदम दर्ज हैं। उसे कोतवाली पुलिस ने देर रात रुड़की से गिरफ्तार किया है। अजीम ने सट्टे की रकम की वसूली के लिए नवीन, फैजल, जमील रईस के अलावा 10 मुंशी रख रखे थे। अजीम ने करीब 20 साल पहले भूड़ा का चौराहा निवासी सट्टा किंग इस्लाम से सट्टे का काम सीखा था। मुल्ला आसिम जुआघरों के संचालन में उसकी मदद करता है। जमाल उर्फ मोटा उसका पार्टनर है और वह जुआ घरों की देखभाल करता है। लोगों को जुआ खिलाने के लिए आसिम अपने नई बस्ती में बड़ी मस्जिद के पास वाले पुराने घर का इस्तेमाल करता है। इसके अलावा उसने कई मकान किराए पर भी जुआ खिलाने के लिए ले रखे हैं।
रखे थे लोकल एजेंट
अकबर पुत्र कल्लन, आलम पुत्र असलम, इरशाद पुत्र जाकिर, उबैद पुत्र जाहिद भी सट्टे के काम में उसके लोकल एजेंट हैं। इन एजेंटों को वह 20 से 25 प्रतिशत कमीशन देता था। अजीम की गिरफ्तारी एवं उसके नेटवर्क को ध्वस्त करने पर बधाई देते हुए संयुक्त गिरफ्तारी टीम के लिए 25000 रुपये नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
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