देवबंद के दारुल उलूम ने एक बार फिर एक फतवा जारी कर सरकार की योजनाओं को न अपनाएं जाने की वकालत की है। फ़तवे में कहा गया है कि ई-श्रम कार्ड मुस्लिम न बनवाएं क्योंकि ये बीमा, सूद और जुए का मिश्रण जैसे है जो कि इस्लाम में हराम है।
दारुल उलूम के इफ्ता विभाग के मुफ़्ती ए कराम के अनुसार ई-श्रम कार्ड बनवाने में बीमा पालिसी करवानी होगी, जो कि सूद और जुए का मिश्रण है। लिहाजा ये फतवा जारी किया जाता है कि मुस्लिम लोग ई-श्रम कार्ड न बनवाएं क्योंकि इस्लाम में इस तरह का मामला हराम कहा गया है। इस बारे में सरकार का पक्ष ये है कि बीमा और अन्य सुविधाएं सरकार अपने पैसों से दे रही है और इसका फायदा मजदूरों को होना है। जो किसी दुर्घटना का शिकार होते हैं तो उनके परिवारजनों को इसका मुआवजा मिलेगा।
दारुल उलूम के द्वारा पहले भी कई योजनाओं का फतवा जारी कर विरोध किया गया है। हालांकि बाद में इन फतवाओं को वापस भी लिया गया। दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी इन फतवों के खिलाफ दायर की गयी थी, जिसके बाद डीएम सहारनपुर द्वारा इनकी वेब साइट को बन्द करवा दिया गया था।
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