ताजा मामला Manglore Muslim नाम के फेसबुक पेज से जुड़ा है। कर्नाटक में हिजाब पर टिप्पणी के कारण कट्टरपंथियों द्वारा 26 वर्षीय बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के बाद Manglore Muslim नाम के फेसबुक पेज पर हर्षा और हिंदुओं को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। पेज पर पोस्ट कर लिखा गया था कि "शिमोगा में मोहम्मद के खिलाफ बोलने वाला सड़क का कुत्ता मारा गया। जो भी पैगम्बर के खिलाफ बोलेगा इसी तरह कुत्ते की मौत मारा जाएगा।"
इसके बाद से ही हिन्दू संगठनों ने और हिन्दू संगठन से जुड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने तेजी से इस पेज के खिलाफ ऑनलाइन अभियान चलाया जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और भारतीय दंड संहिता और IT एक्ट के तहत घृणा फैलाने के लिए Manglore Muslim फेसबुक पेज पर FIR दर्ज किया गया।
पुलिस आयुक्त एन. शशि कुमार ने संवाददाताओं से जानकारी साझा किया कि फेसबुक पोस्ट ने श्रीहर्ष को एक "स्ट्रीट डॉग" करार दिया है, जिसे वर्ष 2015 में पैगंबर को बदनाम करने के लिए मार दिया गया था। फेसबुक पोस्ट में यह लिखा था कि जो भी कोई पैगंबर का अपमान करेगा, उसका वही उसका हश्र होगा फिर चाहे वो टेलीविजन एंकर अजित हनुमक्कनवर हो या कोई और। यह भी कहा कि मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने मुसलमानों के माध्यम से श्रीहर्ष की हत्या करवाया है, अगर ईश्वरप्पा पूछताछ की जाती है, तो शिवमोग्गा हत्या के पीछे की सच्चाई सामने आ जाएगी।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि एफबी पेज लंबे समय से लगातार हिंदू नेताओं के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक बयान और सामग्री पोस्ट कर रहा है। इसका उद्देश्य समुदायों के बीच विभाजन पैदा करना और सांप्रदायिक हिंसा को भड़काना प्रतीत होता था।
इस पूरे घटना के बीच यह मालूम हुआ है कि मोहम्मद रफीक ने "मैंगलोर मुस्लिम" पेज से "पॉलिटिकल अड्डा" सहित अन्य समूहों में पोस्ट साझा किया है।
पुलिस कमिश्नर श्री कुमार ने आगे ये भी कहा कि "नफरत फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था को छोड़ा नहीं जाएगा , अगर कोई ऐसा सोच रहा है कि इस तरह नफरत फैलाकर वो बचकर निकल जायेगा तो ये उसकी भूल है। पुलिस इस तरह के सोशल मीडिया एकाउंट्स पर लगातार नजर बनाए हुए है। पोस्ट करने वाले को ही नहीं यदिकोई इस तरह के पोस्ट को शेयर भी करता है तो उसपर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। लगभग 1064 से ऊपर सोशल मीडिया एकाउंट्स और पेज पर हमारी टीम लगातार नजर बनाए हुए है। सोशल मीडिया एक शक्तिशाली और प्रभावी माध्यम है बातों को जनता तक पहुंचाने के लिए , इसका प्रयोग सकारात्मक रूप में किया जाना चाहिए लेकिन अगर इसका प्रयोग नफरत के बीज बोने के लिए की जाएगी तो इस प्रकार के लोगों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।"
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