पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार समाप्त हो गया और कल 117 सीटों के लिए मतदान होगा। लेकिन चुनाव प्रचार थमने के बाद भी कांग्रेस में मचा घमासान खत्म होता नहीं दिख रहा है। पार्टी ने अब फिरोजपुर ग्रामीण से मौजूदा विधायक सतकार कौर गैरी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। पार्टी ने गैरी का टिकट काट दिया गया था। उनकी जगह कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार रहे आशु बांगड़ को टिकट दिया था। इसके बाद से वह पार्टी से नाराज चल रही थीं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी कहे जाने वाले आशु को आआपा ने भी फिरोजपुर ग्रामीण सीट से टिकट दिया था। लेकिन अचानक उन्होंने आआपा का टिकट ठुकरा दिया और पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। चुनाव प्रचार के दौरान आशु बांगड़ का कई जगह विरोध हुआ। बताया जा रहा है कि ये विरोध सतपाल कौर के इशारे पर ही हुए। हालांकि प्रचार के दौरान कांग्रेस के रणनीतिकार चुप रहे। अब जब प्रचार थम गया तो एक बार फिर से चुनाव में पार्टी का विरोध करने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने का काम शुरू हो गया है। इसी क्रम में आज सतकार कौर को पार्टी से बाहर कर किया गया है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने सतकार कौर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित करने का पत्र जारी कर दिया है। इससे पहले अटारी से तरसेम डीसी, केवल सिंह ढिल्लों और अमरीक ढिल्लों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था।
इस बार पंजाब चुनाव में कांग्रेस में सबसे ज्यादा विवाद हुए। कभी प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का विवाद तो कभी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विवादास्पद बयान। अब पार्टी जिस तरह से अपने नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा रही है, उससे कांग्रेस की स्थिति कमजोर होती जा रही है। जानकारों का मानना है कि ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस में अनुशासन नाम की कोई व्यवस्था ही नहीं है। हर कोई मनमर्जी कर रहा है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान पार्टी हो हो रहा है। अब जबकि मतदान में कुछ घंटे ही रह गए हैं, इसी बीच एक सतकौर कौर गैरी के निष्कासन ने मतदाताओं के बीच पार्टी की नकारात्मक छवि बन रही है।
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