दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा शराब को लेकर नई आबकारी नीति लागू करने के बाद लगातार विरोध हो रहा है। दिल्ली की महिलाएं मुख्य रूप केजरीवाल सरकार के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो रही हैं। महिलाओं का आरोप है कि नई शराब नीति आने के बाद से समाज के युवा और पुरुष नशे के आदि हो जाएंगे। महिलाओं का ये भी कहना है कि अब वर्ष में शराब की दुकानें सिर्फ 3 दिन ही बंद रहेंगी, पर्व त्योहारों पर भी शराब की दुकानें खुला करेंगी साथ ही अब शराब की होम डिलीवरी भी शुरू कर दी गई है और शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 वर्ष कर दी गई है जिस से आम लोगों के परिवार और उनके बच्चों के भविष्य पर सीधा असर पड़ेगा। महिलाओं के कड़े विरोध प्रदर्शन के बावजूद केजरीवाल सरकार ने अपनी नई शराब नीति को वापस नहीं लिया।
केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति और लोगों के कड़े विरोध प्रदर्शन के बाद पाञ्चजन्य ने पूरी पड़ताल की और अपने नवीन अंक में इसको लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसके बाद आबकारी विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है।
आबकारी विभाग के इस नए आदेश में कहा गया है कि "शराब बिक्री पर छूट की अनुमति तो है लेकिन इस छूट की वजह से कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। कानून व्यवस्था और कोविड प्रोटोकाल का पालन कराना भी शराब विक्रेताओं की जिम्मेदारी है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में शराब विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द भी किए जा सकते हैं।
आबकारी विभाग ने शराब विक्रेताओं को नोटिस जारी कर कड़ी चेतावनी भी दी है। आबकारी विभाग के इस नए आदेश यह भी कहा गया है कि L-7 जेड लाइसेंस धारक ग्राहकों को भारतीय और विदेशी शराब की MRP पर छूट भी दे सकते हैं। यह निविदा के प्रावधान में शामिल है लेकिन निविदा दस्तावेज में यह भी है कि लाइसेंस धारक अपने विक्रेता के आसपास के कानून और व्यवस्था के रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा। यदि विक्रेता की वजह से आसपास में कोई उपद्रव होता है और सरकार को कोई शिकायत प्राप्त होती है
तो ऐसे में विक्रेता का लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है।
आबकारी विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि आपदा प्रबंधन विभाग के 4 फरवरी के आदेश के बाद कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें शराब बिक्री केंद्र के अंदर व बाहर बड़ी संख्या में लोग और भीड़ देखी जा रही है। खासकर वैसी दुकानें जो रियायती कीमतों पर पर भारतीय और विदेशी शराब का ऑफर दे रही हैं वहां बड़ी संख्यां में लोग इकट्ठा हो रहे हैं जिस से कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन तो हो ही रहा है साथ ही आसपास के लोगों को भी इस से समस्या हो रही है। इस आबकारी नीति के एक प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को शराब बिक्री करने की एक अधिकतम मात्रा तय की गई है , जो कि 9 लीटर है। इसके दायरे रहकर ही लाइसेंस धारक शराब की बिक्री करें अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
टिप्पणियाँ