अपने बयानों के कारण अक्सर विवादों में रहने वाले पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को आखिरकार ब्राह्मणों से माफी मांगनी पड़ी। हाल ही में उन्होंने अकाली नेता व पूर्व मंत्री अनिल जोशी पर जातीय टिप्पणी की थी। इसके बाद सिद्धू चौतरफा घिर गए थे। उनके बयान से न केवल पार्टी, बल्कि ब्राह्मण समुदाय भी नाराज हो गया था। समुदाय के लोगों ने अमृतसर में बैठक कर विधानसभा चुनाव में सिद्धू और कांग्रेस के बहिष्कार की घोषणा तक कर दी थी। अमृतसर पूर्वी सीट से चुनाव लड़ रहे सिद्धू पहले ही विरोधियों से घिरे हुए हैं। इसलिए खुद को और फंसता देखकर उन्होंने माफी मांग कर खुद को बचाने की कोशिश की है।
जोशी को 'काला ब्राह्मण' कहा था
बीते रविवार को सिद्धू ने गांव मूूदल में जनसभा के दौरान अमृतसर उत्तर सीट से उम्मीदवार अनिल जोशी को जातिसूचक अपशब्द कहे थे। उन्होंने जोशी को काला ब्राह्मण कहकर संबोधित किया था। साथ ही, गांव की महिला सरपंच से कहा था कि सरकार आई तो जलेबी की तरह इक्ट्ठा कर दूंगा। भाजपा और अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की थी। अब सिद्धू ने ब्राह्मण समुदाय से माफी मांगते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने 'काला ब्राह्मण' शब्द का इस्तेमाल केवल एक व्यक्ति के लिए किया था। अगर इस टिप्पणी से किसी और की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं पूरे ब्राह्मण समुदाय से माफी मांगता हूं।
महिला सरपंच को धमकाने से ग्रामीण नाराज
इसी तरह, अपने विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले मूदल गांव की महिला सरपंच को धमकाने के बाद दो दिन पहले सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू अपने पति के लिए चुनाव प्रचार करने गांव पहुंचीं तो ग्रामीणों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और 'सिद्धू मुर्दाबाद' के नारे लगाए। इसका वीडियो सामने आया था। वहां मौजूद बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं ने नवजोत कौर को वापस जाने के लिए कहा। लोगों का विरोध देखते हुए वे गाड़ी में बैठकर बैरंग लौट गईं। इसके बाद नवजोत कौर जब अमृतसर पूर्व के शहरी क्षेत्र में प्रचार करने पहुंचीं तो वहां भी एक महिला ने उन्हें खरी-खरी सुना दी। नवजोत कौर जब इलाके में घर-घर जाकर प्रचार कर रही थीं, तभी उक्त महिला ने उन्हें रोक लिया और कहा, ‘अब आप वोट मांग रहे हो, लेकिन जब कभी आपसे मिलने आएं तो कोई नहीं मिलता।’ जब नवजोत कौर ने महिला से कहा कि इलाके के पार्षद उन्हें मिलवा देंगे तो उसने पलटकर कहा कि उससे तो पार्षद भी नहीं मिलते। कभी कहते हैं कि समय नहीं है तो कभी कहते हैं कि बाहर गए हैं। इस पर नवजोत कौर ने महिला की बात को हंसकर टाल दिया और कहा कि वह चुनाव में वोट जरूर दें।
यही कांग्रेस की संस्कृति
अमृतसर ब्राह्मण सभा के प्रवक्ता संजीव शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की संस्कृति ही यही है। वह हर समय हिंदुओं को नीचा दिखाने की कोशिश करती है। यह पार्टी हिंदू विरोधी है। इसलिए सिद्धू एक ब्राह्मण उम्मीदवार पर इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। इस टिप्पणी का पूरा ब्राह्मण समुदाय विरोध करता है। इस बार हिंदू कांग्रेस और सिद्धू, दोनों को सबक सिखाएगा। बहुत हो गया, इस बार हिंदू अपने सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है। शर्मा ने कहा कहा कि भले ही सिद्धू ने माफी मांग ली है, लेकिन उन्होंने दिखा दिया कि उनकी सोच समुदाय के प्रति किस तरह की है। उन्होंने माफी इसलिए मांगी, क्योंकि पंजाब में चुनाव है। सिद्धू को खतरा है कि यदि ब्राह्मण उसके खिलाफ हो गए तो उनका जीतना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए अब वह माफी मांग रहे हैं।
कांग्रेस की हिंदू विरोधी छवि
कांग्रेस के नेता भी पार्टी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने आरोप लगाया था कि हिंदू होने के कारण कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया, जबकि पार्टी के ज्यादातर विधायक उन्हें इस पद पर देखना चाहत रहे थे। सुनील जाखड़ ने सक्रिय राजनीति से भी सन्यास ले लिया है।इसी तरह से पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी ने आरोप लगाया कि उन्हें इसलिए प्रताड़ित किया जाता रहा, क्योंकि वह हिंदू हैं। यह आरोप लगाते हुए उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
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