चारा घोटाले को लेकर आज रांची में CBI की विशेष अदालत ने सुनवाई की। डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपए के अवैद्य निकासी मामले में CBI ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को दोषी पाया है। बता दें कि डोरंडा कोषागार केस चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला है। इस से पहले भी चारा घोटाले के चार अलग अलग मामलों में लालू यादव दोषी पाए गए थे और जेल भी जा चुके हैं।
क्या है डोरंडा कोषागार मामला
चारा घोटाले का यह मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा है। इस मामले में 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की बात सामने आई थी। चारा घोटाले के सबसे बड़े आरसी 47 ए/96 का ये मामला दरअसल 1990 से 1995 के बीच कक है। इसपर CBI की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। लालू यादव चारा घोटाले के ही विभिन्न मामलों में फिलहाल हाई कोर्ट से जमानत पर हैं।
कुल 99 लोगों को डोरंडा कोषागार मामले में पाया गया दोषी
केस की शुरुआत में इस मामलें में कुल 170 आरोपी थे , इनमें से 55 लोगों की सुनवाई के दौरान के वर्षों में मृत्यु हो चुकी है। जबकि पी के जायसवाल और सुशील झा अपना दोष पहले ही स्वीकार कर चुके हैं। जबकि दीपक, आर के दास समेत 7 आरोपियों को CBI ने इस मामले में गवाह बना दिया है। इसके साथ ही छह नामजद अब भी फरार चल रहे हैं।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद , पूर्व सांसद जगदीश शर्मा , डॉ आर के राणा , PAC के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत , तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस , पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ के एम प्रसाद सहित 99 लोग शामिल थे।
21 फरवरी को होगा सजा का ऐलान
घोटाला के इस मामले में मुख्य आरोपी और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के तबियत को देखते हुए CBI की विशेष अदालत ने 21 फरवरी तक राहत दी है। इस दौरान उन्हें पुलिस कस्टडी में नहीं रहना होगा। फिलहाल लालू यादव को RIMS हॉस्पिटल शिफ्ट किया जाएगा। इस मामले में अगर लालू यादव को तीन साल के। कम की सजा होती है तो उन्हें लोअर कोर्ट से ही जमानत भी मिल सकती है।
भाजपा ने साधा निशाना
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने लालू को दोषी ठहराए जाने पर कहा कि "बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय"। उन्होंने आगे कहा कि सत्ता में रहते हुए लालू ने गरीबों को लूटा उसी का परिणाम है कि पांचवें मामले में भी लालू को सजा हुई है। जिस जमाने में ₹139 करोड़ का घोटाला हुआ था उसकी कीमत आज जोड़ें तो ₹765 करोड़ होती है। लालू ने तो इस पूरे घोटाले को रफा-दफा कर दिया होता अगर पटना हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में CBI जांच के आदेश नहीं दिए होते।
अब फिलहाल देखना ये है कि आने वाले 21 फरवरी को CBI की विशेष अदालत लालू यादव को क्या सजा सुनाती है।
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