कुछ दिनों से बिहार में नित्य नई चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं। तस्करों का एक गिरोह बिहार में सक्रिय है, जिसकी नजर यहां की धरोहरों पर है। ये तस्कर स्थानीय चोरों से सांठ-गांठ कर बिहार की प्राचीन धरोहरों की चोरी करवा रहे हैं। अक्सर पुरानी मूर्तियों की चोरी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इस बार चोरों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया है। 9 फरवरी को चोरों ने रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन स्थित ऐतिहासिक घड़ी की चोरी कर ली। यह घड़ी ब्रिटिश सरकार द्वारा 151 वर्ष पूर्व बनवाई गई थी।
इस घड़ी के साथ एक इतिहास जुड़ा है। जब डेहरी, रोहतास में सोन नहर प्रणाली निर्मित करने का कार्य शुरू हुआ था, उस वक्त यांत्रिक कार्यशाला में मजदूरों को समय का अंदाजा नहीं हो पाता था। इसीलिए समय देखने के लिए एक धूप घड़ी (Sunlight Watch) बनवाई गई थी।
रोहतास (Rohtas) जिले के डेहरी आन सोन के एनीकट (Anikat) में स्थित सिंचाई विभाग के परिसर में बनी हुई यह घड़ी यहाँ पर सन् 1871 में स्थापित हुई थी!
इस प्राचीन धूप घड़ी की महत्ता इतनी थी कि ब्रिटेन से लोग यहां इसकी तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते थे। घड़ी के बीच में धातु (Metal) की त्रिकोणीय प्लेट लगी है और कोण के माध्यम से उस पर नंबर अंकित थे।
एक शोधार्थी के अनुसार यह ऐसा यंत्र है, जिससे दिन में समय की गणना की जाती है। इसे #नोमोन कहा जाता है। यंत्र इस सिद्धांत पर काम करता है कि दिन में जैसे-जैसे सूर्य पूर्व से पश्चिम की तरफ जाता है उसी तरह किसी वस्तु की छाया पश्चिम से पूर्व की तरफ चलती है। सूर्य लाइनों वाली सतह पर छाया डालता है, जिससे दिन के समय यानी घंटों (Hours) का पता चलता है। समय की विश्वसनीयता के लिए धूप घड़ी को पृथ्वी की परिक्रमा की धुरी की सीध में रखा गया था।
लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा और लापरवाही का लाभ उठाते हुए 9 फ़रवरी को चोरों ने उस परिसर में घुस कर घड़ी तोड़ दी और धातु (पीतल) से बना उसका ब्लेड काट कर ले गए।
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