‘राम लहर’ में भी कानपुर कैंट विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हरि दीक्षित चुनाव हार गए थे। उसके बाद भाजपा ने वर्ष 1991 विधानसभा चुनाव में एक युवा चेहरे सतीश महाना को प्रत्याशी बनाया। पहली बार में ही सतीश महाना ने जीत हासिल की। तब से आज तक लगातार वे 7 बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं।
सतीश महाना ने 5 बार कैंट विधानसभा सीट से चुनाव जीता। उसके बाद परिसीमन में इस विधानसभा सीट का स्वरूप बदल गया। परिसीमन के बाद सतीश महाना ने महाराजपुर विधानसभा सीट को चुना। इस विधानसभा सीट पर भी वे दो बार चुनाव जीत चुके हैं। इस प्रकार महाना आठवीं बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
सभी विपक्षी दलों ने औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के विरुद्ध नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है। सतीश महाना इस सीट पर लगातार विजय पताका फहराते चले आ रहे हैं। विपक्षी दलों के पास सतीश महाना के सामने उतारने लायक कोई कद्दावर नेता नहीं है। बहुजन समाज पार्टी ने सुरेंद्र पाल सिंह चौहान और सपा ने फतेह बहादुर सिंह गिल को टिकट दिया है।
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