सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट को सबसे आसान समझ कर वहां से नामांकन दाखिल किया मगर भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री एस.पी. सिंह बघेल को चुनाव मैदान में उतार दिया है। एस.पी. सिंह बघेल के चुनाव मैदान में आने से अब मुकाबला कड़ा है। आमतौर पर करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है। मगर एस.पी. सिंह बघेल राजनीति के माहिर योद्धा हैं।
एस.पी. सिंह बघेल ने अपना करियर उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा की नौकरी से शुरू किया था। इसी नौकरी के दौरान एक बार उनकी ड्यूटी मुख्यमंत्री सुरक्षा में लगाई गई थी। उस समय मुलायम सिंह यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उसी समय उनकी जान-पहचान मुलायम सिंह यादव से हुई थी।
एस.पी. सिंह बघेल ने पुलिस की नौकरी में रहते हुए पीएचडी की और पुलिस की नौकरी छोड़ कर प्रोफेसर बने। राजनीति के सफर में एस.पी. सिंह बघेल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। समाजवादी पार्टी ने वर्ष 1998 में उनको जलेसर लोकसभा सीट से उम्मीदवार के तौर पर उतारा था। पहली बार में उन्होंने जीत हासिल की। बघेल बसपा में भी रहे। उसके बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। वर्तमान समय में वे केंद्रीय राज्य मंत्री हैं।
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