झारखंड के बरही में मुसलमानों की भीड़ द्वारा रुपेश पांडे की हत्या के पांच दिन बाद ही चतरा के ईटखोरी में नगवां निवासी धिरेन्द्र कुमार दांगी पर भी कट्टरवादियों ने हमला कर उन्हें बुरी तरह घायल दिया। अभी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। लोगों का कहना है कि अगर समय पर हिन्दू नहीं पहुँचते तो धीरेन्द्र की हत्या कर दी जाती। धीरेन्द्र का दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने हिजाब जिहाद को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली थी। यह कुछ कट्टरपंथियों को ठीक नहीं लगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ मुसलामानों ने उन्हें पोस्ट को हटाने को कहा लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद कुछ कट्टरपंथी उनकी दुकान पर पहुंचे और उन्हें चाकू से गोदने लगे। वहां खड़े कुछ हिंदुओं ने हमलावरों का मुकाबला किया तब धीरेन्द्र की जान बची। पुलिस ने कुछ हमलावरों को गिरफ्तार किया है।
इस घटना से आक्रोशित हिन्दुओं ने हजारों की संख्या में एकत्रित होकर चतरा—ईटखोरी मुख्य पथ को लगभग पांच घंटे तक जाम कर दिया। मामले की गंभीरता व संवेदनशीलता को समझते हुए चतरा की उपायुक्त अंजली यादव व चतरा के पुलिस अधिक्षक राकेश रंजन घटनास्थल पर पहुंचे एवं आक्रोशित लोगों को आवश्यक कानूनी कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद पीड़ित की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें छह हमलावर नामजद आरोपी बनाए गए हैं।
राज्य में लगातार हिंदुओं पर हो रहे हमले से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार कहते हैं कि राज्य की हेमंत सरकार पूरे झारखंड को दंगे की आग में धकेल देना चाहती है। यह सरकार जनता को गुमराह करने में लगी है। इस सरकार ने कट्टरपंथियों को खुली छूट दे रखी है और पुलिस को उगाही के काम पर लगा रखा है। यही वजह है आज पूरे राज्य में कट्टरवादियों का दुस्साहस बढ़ गया है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
टिप्पणियाँ