उत्तराखंड के दूसरे बड़े शहर हल्द्वानी जिसे कुमाऊं का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है, यहां हर साल सैकड़ो बच्चे अपने कैरियर के सिलसिले में पढ़ाई करने पहुंचते है, बहुत से बच्चे महंगी किताबे नही खरीद पाते,ऐसे बच्चों के लिए चार युवाओ ने एक लाइब्रेरी खोली है जहां करीब 125 बच्चो के बैठने के लिए जगह बनाई गई है,सैकड़ों किताबो का संकलन इन बच्चों के कैरियर के लिए उपयोगी साबित हो रहा है। अंकित कुंवर, नितिन अग्रवाल,नितिन पाठक और पंकज शाह ,इन चार युवाओ ने हल्द्वानी शहर को एक निजी लाइब्रेरी की सौगात दी है।
इन युवकों ने अपने दोस्तों से उनके कैरियर में उपयोगी रही किताबो को अपने पास एकत्र किया, सोशल मीडिया में ऐसी पोस्ट डाली की जिनके घरों में ये किताब पड़ी है हर उपयोग में नही आ रही है वो उन्हें काल करें। ये वहां से किताब मंगवा कर अपने संकलन में शामिल कर लेते है। नितिन अग्रवाल बताते है कि हल्द्वानी शहर ने हमे बहुत कुछ दिया हमने इस शहर को क्या लौटाया?, इस सवाल का जवाब ये लाइब्रेरी है।
टिप्पणियाँ