छत्तीसगढ़: अव्यवस्था, विश्वासघात और झूठ की खेती
May 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

छत्तीसगढ़: अव्यवस्था, विश्वासघात और झूठ की खेती

by पंकज झा
Feb 11, 2022, 10:56 pm IST
in भारत, छत्तीसगढ़
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
पिछले दो सालों में छत्तीसगढ़ में 230 किसानों ने आत्महत्या की है। राज्य सरकार के मुताबिक़ आत्महत्या करने वाले किसानों में सर्वाधिक 97 वनवासी समुदाय से हैं। लेकिन सीएम बघेल छत्तीसगढ़ के संसाधनों से यूपी में प्रियंका-राहुल के लिए जमीन खोज रहे

 

छत्तीसगढ़ की ख्याति समूचे देश और दुनिया में भी ‘धान के कटोरे’ के रूप में यूं ही नहीं है। यहां की सश्य-श्यामला धरती देश के लिए दस करोड़ क्विंटल से भी अधिक धान उगाती है। यूं तो प्रदेश की पहचान इसके वन्य और खनिज संपदा से लेकर यहां के भले और भोले, अच्छे लोगों से भी है, लेकिन कृषि के मामले में भी यह छोटा कहा जाने वाला प्रदेश देश के बड़े प्रदेशों से प्रतिस्पर्द्धा करने को तैयार है। हालांकि हमेशा से ऐसा नहीं था। अविभाजित मध्य प्रदेश के ज़माने से लेकर छत्तीसगढ़ के निर्माण के शुरुआती कुछ वर्षों तक यहां के हालात अच्छे नहीं थे। वास्तव में इस राज्य के निर्माण की ज़रूरत ही इसीलिए महसूस हुई थी, क्योंकि यहां के संसाधनों का कांग्रेस के ज़माने में बंदरबांट कर लिया जाता था। यहां के किसान जहां फटेहाली में रहने को विवश थे तो वनवासी समाज मामूली चिकित्सा व्यवस्था को भी मुहताज रहा था।

भाजपा की सरकार के सत्ता में आने के बाद पंद्रह वर्ष प्रदेश में अनेक सुधारों के रहे। कृषि के क्षेत्र में हालात यह थे कि पहले जहां खुद कांग्रेस की सरकारें यहां की उपज धान को पानी में डूबा-डूबा कर देखती थी, वही भुगतान के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ता था लोगों को। फिर डा. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में धान खरीदी को तकनीकों से जोड़ा गया, मुफ्त कृषि ऋण, खाद-बीज-बिजली की सहज उपलब्धता और बेहतर धान खरीदी के मॉडल ने प्रदेश को कृषि के मामले में भी अवसरों की भूमि इसे बना देने में सफलता पायी। जल्द ही इसके धान खरीदी के मॉडल को जिसमें बिना किसी लीकेज के किसानों के खातों में चौबीस घंटे के भीतर रकम पहुंच जाती थी, की संयुक्त राष्ट्र तक में तारीफ़ होने लगी थी। मोटे तौर पर व्यवस्था ऐसी बन गयी थी कि किसानों को रोपनी के समय ही एक धान की कीमत अग्रिम मिल जाया करती थी। इसीलिए पड़ोसी महाराष्ट्र की कुख्याति जहां किसानों के आत्महत्या के मामले में थी, वहां छग में ऐसी खबरें लगभग नहीं आती थी। लेकिन पिछले तीन साल से जबसे कांग्रेस सत्ता में आयी है, दुर्गति का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है। 

शासकीय आंकड़ों के अनुसार ही पिछले क़रीब दो सालों में (साल 2020 में एक जनवरी से 23 नवंबर तक) छत्तीसगढ़ में 230 किसानों ने आत्महत्या की है। राज्य सरकार के मुताबिक़ ही आत्महत्या करने वाले किसानों में सर्वाधिक 97 वनवासी समुदाय से हैं। 42 किसान अनुसूचित जाति के हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि 2020 में छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र के 537 लोगों ने आत्महत्या की। ये तमाम आत्महत्याएं क़र्ज़ के कारण, अकारण किसानों की रकबा कटौती समेत ऐसे तमाम लालफीताशाही के कारण हुए हैं। कांग्रेस सरकार के आते ही पहले सत्र से ही किसानों के साथ बर्बरता, उन्हें जेल भेजने समेत तमाम प्रताडनाओं का दौड़ शुरू हो गया था, जबकि तथ्य यह है कि किसानों से बड़े-बड़े वादे कर ही कांग्रेस की यह सरकार सत्ता में आयी। अभी सांसद राहुल गांधी के अल्प प्रवास के दौरान प्रदेश में आंदोलनरत किसानों पर टूट कर पुलिसिया बर्बरता का दौर चला। आश्चर्य तो है कि यूपी के लखीमपुर तक में वोट के लिए दौड़ पड़ने, वहां जाकर छग के खजाने से करोड़ों मुआवजा बांट आने वाली भूपेश सरकार अपने ही किसानों के साथ ऐसे पेश आती है। कथित किसान आन्दोलन में कथित रूप से 700 किसानों की मौत का झूठ परोसने वाली कांग्रेस,अपने ही सरकार के कृषि विभाग के आंकड़े झुठलाते हुए कहती है कि वह किसानों की आत्महत्या के आंकड़े नहीं रखती, इससे अधिक दुर्भाग्य की बात और क्या होगी भला? 

बहरहाल, तमाम अव्यवस्थाओं और धोखाधड़ी, वादाखिलाफी आदि का रिकॉर्ड बना कर प्रदेश में धान खरीदी की प्रक्रिया इस वर्ष भी पूरी हुई। जहां भाजपा की सरकार में भूपेश बघेल 1 नवम्बर से धान खरीदी के लिए आन्दोलन चलाते थे, वहां खुद की सरकार में जान-बूझकर, विपक्ष द्वारा बार-बार याद दिलाने के बावजूद एक महीने विलम्ब से धान खरीदी शुरू की गयी इस बार भी। इस कारण बेमौसम बारिश से किसानों की तैयार फसल खेत में ही चौपट हो गयी। यहां नियम यह है कि चाहे आप जितना धान उपजाएं, लेकिन राज्य सरकार केवल 15 क्विंटल धान लेगी। जबकि राहुल गांधी साफ़-साफ़ वादा कर गए थे कि ऐसी कोई लिमिट नहीं रहेगी। फिर भी शासन द्वारा बेशर्मी से अपने वादे से मुकरने के कारण भी किसानों में निराशा व्याप्त है। इसी सत्र में सुरेश नेताम तो इससे पहले धनीराम मरकाम जैसे किसानों की आत्महत्या शासन के दबाने के बाद भी सुर्ख़ियों में रही।

105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखने वाली भूपेश सरकार लक्ष्य से दूर रही और तो और लाखों किसान अपनी उपज को बेचने से वंचित रहे।

ऐसे में भूपेश जी इन किसानों का धान कौन खरीदेगा ?? आखिर ये किसान जाए कहां ??

जवाब दो भूपेश।@bhupeshbaghel pic.twitter.com/fO2ZYfHYvW

— BJP Chhattisgarh (@BJP4CGState) February 9, 2022

तमाम लेटलतीफी और झंझट के बाद भी अपने ही लक्ष्य से शासन 8 लाख टन से अधिक धान खरीदने से पीछे रही। अर्थात शासकीय आकलन के अनुसार ही कम से कम 2 हज़ार करोड़ रूपये का धान किसान नहीं बेच पाए इस साल। विपक्ष भाजपा लगातार इस दो हज़ार करोड़ के रकम की भरपाई करने की मांग भी सरकार से लगातार कर रही है। इन तमाम परेशानियों से बेपरवाह सीएम बघेल चुनावी राज्यों में वोटों की फसल उगाने की नाकाम कोशिशों में व्यस्त हैं। प्रदेश के किसान आंदोलनरत हैं, खाद की कालाबाजारी के कारण उसकी किल्लत उफान पर है। मंडी टैक्स माफ़ करने का वादा कर आने के बावजूद टैक्स डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया है। वादे अनुसार दो साल का बोनस भी किसानों का बकाया है ही। इधर किसान अगली फसल की तैयारी में व्यस्त हैं, तमाम तरह के छलनों के बावजूद। उधर सीएम बघेल कांग्रेस की दृष्टि से बंजर हो चुकी यूपी की राजनीतिक भूमि पर छत्तीसगढ़ के संसाधनों से प्रियंका-राहुल के लिए जमीन खोज रहे।छत्तीसगढ़ की परवाह करने की ज़रूरत क्यों हो, आखिर उन्हें? ढाई साल की जंग जो जो जीत ली है!

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Punjab Khalistan police

खालिस्तानी आतंकियों को हथियार उपलब्ध करवाने वाला आतंकवादी हैरी गिरफ्तार

Donald trump want to promote Christian nationalism

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कतर से मिल रहा 3300 करोड़ का गिफ्ट, फिर अमेरिका में क्यों मचा है हड़कंप?

CM Dhami Dol Ashram

मुख्यमंत्री धामी ने डोल आश्रम में श्री पीठम स्थापना महोत्सव में लिया हिस्सा, 1100 कन्याओं का किया पूजन

awami league ban in Bangladesh

बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग की गतिविधियां प्रतिबंधित: क्या इस्लामिक शासन की औपचारिक शुरुआत?

Posters in Pulvama for Pahalgam terrorist

पहलगाम आतंकी हमला: हमलावरों की सूचना देने पर 20 लाख रुपये का इनाम, पुलवामा में लगे पोस्टर

जैसलमेर में मार गिराया गया पाकिस्तानी ड्रोन

ऑपरेशन सिंदूर : थार का प्रबल प्रतिकार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Punjab Khalistan police

खालिस्तानी आतंकियों को हथियार उपलब्ध करवाने वाला आतंकवादी हैरी गिरफ्तार

Donald trump want to promote Christian nationalism

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कतर से मिल रहा 3300 करोड़ का गिफ्ट, फिर अमेरिका में क्यों मचा है हड़कंप?

CM Dhami Dol Ashram

मुख्यमंत्री धामी ने डोल आश्रम में श्री पीठम स्थापना महोत्सव में लिया हिस्सा, 1100 कन्याओं का किया पूजन

awami league ban in Bangladesh

बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग की गतिविधियां प्रतिबंधित: क्या इस्लामिक शासन की औपचारिक शुरुआत?

Posters in Pulvama for Pahalgam terrorist

पहलगाम आतंकी हमला: हमलावरों की सूचना देने पर 20 लाख रुपये का इनाम, पुलवामा में लगे पोस्टर

जैसलमेर में मार गिराया गया पाकिस्तानी ड्रोन

ऑपरेशन सिंदूर : थार का प्रबल प्रतिकार

अमृतसर में खेत में मिला मिसाइल का टुकड़ा

आपरेशन सिंदूर : हमले में संभला पंजाब

Uttarakhand MoU between army and pant university for milets

उत्तराखंड: सेना और पंत विश्व विद्यालय के बीच श्री अन्न को लेकर एमओयू

Punjab liquor death case

पंजाब में नकली शराब का कहर, अब तक 14 लोगों की गई जान

Uttarakhand High level meeting by Chief secretory

उत्तराखण्ड आपदा प्रबंधन: साइबर वॉरफेयर और फेक न्यूज पर कड़ी निगरानी के निर्देश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies