उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण के तहत प्रदेश के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को मतदान खत्म हुआ. पहले चरण में ही वोटर घर से निकला. और खूब निकला. इस दौर में शामली में 69.42 फीसदी, मुजफ्फरनगर में 65.34 , मेरठ में 60.91, बागपत में 61.35, आगरा में 58.61 फीसदी, अलीगढ़ में 60.49, बुलंदशहर में 60.52, गौतम बुद्ध नगर में 55.77, गाजियाबाद में 54.77, हापुड़ में 60.50 और मथुरा में 62.90 फीसदी मतदान हुआ है. इस दौर में सबकी निगाह इस बात पर लगी हुई थी कि जाट वोटर भाजपा से छिटकता है या नहीं. इसके साथ ही मुसलिम मतों का सर्वाधिक प्रभाव भी पहले दौर में ही नजर आने वाला था. 2017 के चुनाव में इन 58 में से 53 सीट जीतते हुए भाजपा ने लगभग क्लीन स्विप किया था. 2 सीट समाजवादी पार्टी, 2 ही सीट बहुजन समाज पार्टी और एक सीट राष्ट्रीय लोकदल को मिली थी.
लेकिन इस बार इन 58 सीट पर हालात बहुत चुनौतीपूर्ण थे. समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन करके पश्चिम यूपी में मुसलिम और जाट समीकरण बनाने का प्रयास किया था. पहले दौर में इस गठबंधन की असली अग्निपरीक्षा तो थी ही. साथ ही पश्चिम यूपी में स्वयंभू विश्लेषक तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन का असर बताते हुए भाजपा को नुकसान की भविष्यवाणी की हुई थी. इस दौर पर इन फैक्टर की सबसे ज्यादा असर वाली सीटें मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत में थीं. मसलन कैराना की सीट हॉट प्वाइंट बनी हुई थी. यहां से समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन जेल से चुनाव लड़ रहे हैं. नाहिद के समर्थकों की सांप्रदायिक व भड़काऊ बयानबाजी लगातार सुर्खियों में रहीं. पश्चिम यूपी की 58 सीटों में सबसे ज्यादा 72 फीसद मतदान इसी सीट पर हुआ है. भारी मतदान का मतलब ये भी मान जा रहा है कि सपा प्रत्याशी की दबंगई के खिलाफ हिंदू मतदाता एकजुट होकर घर से निकला है. शामली, थानाभवन सीट पर मुकाबला कांटे का है. मुजफ्फरनगर की शहर सीट पर चुनाव एकतरफा है. चरथावल, पुरकाजी और बुढ़ाना विधानसभा सीट पर जिस तरह से मतदान हुआ है, गठबंधन के लिए अच्छा संकेत नहीं कहा जा सकता. इन सीटों पर जाट वोट में वैसा ध्रुवीकरण नहीं हो सका, जैसी अखिलेश व जयंत चौधरी उम्मीद कर रहे थे. खतौली और मीरापुर को लेकर जरूर सपा-रालोद थोड़ी-बहुत उम्मीद बांधे हुए हैं.
बागपत जनपद में भाजपा छपरौली के अलावा अन्य सीटों पर काफी आत्मविश्वास में नजर आ रही है. मेरठ जनपद में भी कमोबेश यही स्थिति है. यहां सिवालखास में मुकाबला रोचक है. मेरठ शहर सीट समाजवादी पार्टी पिछले चुनाव में जीती थी, लेकिन यहां मुसलमानों का वोट प्रतिशत कम रहा है. मुकाबला तगड़ा है. मेरठ दक्षिण, किठौर और हस्तिनापुर में मतदान के पैटर्न को देखकर भाजपा ने राहत की सांस ली है. सरधना सीट पर मुकाबला दिलचस्प है. गाजियाबाद जनपद में भाजपा का मानना है कि उसे कोई बड़ा नुकसान होने वाला नहीं है. गठबंधन भी गाजियाबाद और नोएडा की विधानसभा सीटों पर मतदान के बाद उत्साहित नजर नहीं आ रहा है. बुलंदशहर में एक-दो सीट का अंतर पड़ सकता है. मथुरा और आगरा जनपद के मतदान को लेकर भी भाजपा काफी हद तक मुतमईन है. आप सीटवार अगर वोटिंग प्रतिशत देखेंगे तो पाएंगे कि हर कड़े मुकाबले और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण वाली सीट पर मतदान का प्रतिशत बढ़ा है.
मतदान का पैटर्न देखकर कहा जा सकता है कि भाजपा दो तिहाई सीटें यहां से जीत सकती है. लेकिन कैसे हुआ ये. इसका कारण योगी आदित्यनाथ की अंडर करंट लहर को मान जा रहा है. पूरे पश्चिम यूपी में सुरक्षा और सांप्रदायिक हिंसा एक बड़ा मुद्दा है. दोनों ही मोर्चों पर पिछले पांच साल में लोगों ने खासा अंतर महसूस किया है. चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों की ओर से जिस तरीके के बयान आए, उससे लोगों के मन में आशंका पैदा हो गई कि ये शांति छिन न जाए. इसके चलते वोटर बड़ी संख्या में घर से निकला. दूसरा मुद्दा, जिसे जातीय आंकड़ों में उलझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह है कल्याणकारी योजनाएं. मुफ्त राशन की योजना का असर आखिरी मतदाता तक नजर आया. इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास और उज्जवला योजना का असर भी है. लेकिन सबसे अहम बात है दलित वोट. भाजपा का मानना है कि पहले दौर के मतदान में हिंदू मत उसे जातीय बंटवारे से ऊपर उठकर मिला है. दलित वोटों का एक अहम हिस्सा भाजपा के पक्ष में गया है. ये वोट ही भाजपा के लिए पहले दौर में निर्णायक साबित होने वाले हैं.
किस सीट पर कितना मतदान
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कैराना 75.12
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थाना भवन 68.31
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पुरकाजी 65.08
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शामली 65.48
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बुढ़ाना 67.14
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चरथावल 65.85
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मुजफ्फरनगर 64.49
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खतौली 71.34
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मीरापुर 69.49
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सिवालखास 70.72
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सरधना 71.84
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हस्तिनापुर 67.91
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किठौर 71.70
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मेरठ कैंट 58.98
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मेरठ 64.70
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मेरठ साउथ 63.15
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छपरौली 62.95
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बरौत 64.29
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बागपत 65.93
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लोनी 60.12
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मुरादनगर 60.48
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साहिबाबाद 49.20
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गाजियाबाद 53.27
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मोदीनगर 64.76
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धौलाना 66.90
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हापुड़ 65.54
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गढ़मुक्तेश्वर 67.30
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नोएडा 48.57
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दादरी 60.13
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जेवर 65.46
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सिकंदराबाद 67.14
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बुलंदशहर 64.31
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स्याना 62.56
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अनूपशहर 63.59
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डिबाई 62.94
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शिकारपुर 65.24
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खुर्जा 65.51
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बरौली 65.91
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अतरौली 60.80
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छर्रा 63.54
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कोल 62.97
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अलीगढ़ 66.48
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इगलास 64.97
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छाता 66.84
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मांट 66.57
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गोवर्धन 66.51
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मथुरा 59.47
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बलदेव 66.71
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एत्मादपुर 68.13
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आगरा कैंट 59.14
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आगरा साउथ 62.27
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आगरा नॉर्थ 58.37
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आगरा रूरल 63.71
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फतेहपुर सीकरी 67.81
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खैरागढ़ 64.17
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फतेहाबाद 70.52
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बाह 60.16
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खैर 62.04
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