पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे हनी की ईडी की रिमांड की अवधि आज पूरी हो रही है। कुछ देर बाद उसे अदालत में पेश किया जाएगा। ईडी का दावा है कि हनी सिंह ने कबूल लिया है कि जो रकम उससे बरामद हुई थी, उसने तबादले के नाम पर ली थी। इस खुलासे के बाद अब ईडी के रडार पर वे अधिकारी भी आ गए हैं, जिन्होंने तबादला किया व कराया।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोशिश रहेगी कि हनी सिंह का रिमांड मांगा जाए, क्योंकि अभी कुछ जानकारी है, जो उससे उगलवाने हैं। उन्होंने बताया कि हनी सिंह ने पूछताछ में कोई सहयोग नहीं किया। वह बातों को टालने की कोशिश करता रहा। इस वजह से पूछताछ में खासी दिक्कत आई। वह कभी बीमार होने का बहाना बनाता है तो कभी कहता है कि उसे कुछ याद नहीं। इस तरह से उसकी यह कोशिश रहती है कि रिमांड की अवधि को टाला जाए। फिर भी टीम ने उससे बहुत कुछ उगलवा लिया है।
तबादले के नाम पर रकम लेने के कबूलनामे के बाद क्या जांच की आंच चन्नी तक भी पहुंचेगी, इस सवाल के जवाब में अधिकारी ने बताया कि अभी जांच जारी है। इस बारे में कुछ नहीं बोला जा सकता है। फिलहाल तो हम हनी के उन संपर्कों की जांच कर रहे हैं, जो उसकी मदद कर रहे थे। यह भी जांच का विषय है कि क्या रकम अधिकारियों या किसी अन्य तक भी पहुंचाई गई थी। इसकी जांच के बाद ही आगे की कड़ियां जोड़ी जाएगी।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि हनी सिंह का कोई रिश्तेदार भी उससे मिलने नहीं आया। हालांकि अदालत ने छूट दी थी कि दो घंटे तक वह अपने रिश्तेदार या परिजनों से मिल सकता है। पर पंजाब में क्योंकि चुनाव है, इसलिए किसी तरह का विवाद न उठे, परिवार और रिश्तेदार हनी से दूर ही रहे। हनी सिंह की गिरफ्तारी पंजाब में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनी हुई है, क्योंकि वह सीएम का रिश्तेदार है। इसलिए विपक्ष मामले को लगातार उठा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि रिश्वत का यह खेल सीएम के इशारे पर खेला जा रहा था। जो दस करोड़ रुपये हनी से ईडी की टीम ने बरामद किए, यह भी सीएम के लिए थे। इनका प्रयोग चुनाव में होना था।
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