नेटफ्लिक्स, फैब इंडिया जैसी कंपनियां भारतीय जनमानस के साथ खिलवाड़ का नतीजा भुगत चुकी हैं. लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियां सबक सीखने के लिए तैयार नहीं हैं. ताजा मामला पाकिस्तान हुंडई का है. कोरियाई कार कंपनी हुंडई की पाकिस्तान ईकाई ने पांच फरवरी यानी शनिवार को ट्वीट किया कि वह कश्मीर के कथित आजादी के संघर्ष का समर्थन करती है. कंपनी की नजर में कश्मीर में मार-काट मचाने वाले फ्रीडम फाइटर हैं. इसके बाद नेटिजन हुंडई इंडिया पर टूट पड़े. #boycottHyundai ट्रेंड करने लगा. लोगों ने हुंडई से पूछा कि क्या वे अपनी पाकिस्तानी शाखा के विचारों का समर्थन करते हैं. बवाल बढ़ता देख हुंडई पाकिस्तान ने ट्वीट डिलीट कर दिया और इधर हुंडई भारत ने सवाल पूछने वाले लोगों को ब्लॉक करना शुरू कर दिया. भारी दबाव के बीच हुंडई ने बयान जारी किया, लेकिन लीपा-पोती वाला.
पाकिस्तान में हर साल पांच फरवरी को कश्मीर सॉलिडिरीटी डे मनाया जाता है. इस डे के जरिये पाकिस्तान कश्मीर में खून-खराबा, नरसंहार करने वाले आतंकवादियों का समर्थन करता है. ये सब होता भी पाकिस्तान के सौजन्य से ही है. पाकिस्तान में इस दिन छुट्टी होती है और तमाम कट्टरपंथी कश्मीर के एजेंडे पर दुकान सजाकर बैठ जाते हैं. दरअसल पाकिस्तान की राजनीति में कश्मीर एक झुनझुना है. अपने मुल्क की बदहाली से जनता का ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान के शासन और सेना इस झुनझुने को बजाते रहते हैं. पाकिस्तान प्रायोजित इस दुष्प्रचार में इस बार पाकिस्तान हुंडई शामिल हो गई. पाकिस्तान हुंडई के हैंडल से जो ट्वीट हुआ, उसमें कहा गया था, "आइए हम अपने कश्मीरी भाइयों के बलिदान को याद करें और समर्थन में खड़े हों क्योंकि वे आजादी के लिए संघर्ष करते हैं." ट्वीट में हैशटैग #KashmirSolidarityDay भी था. एक अन्य कोरियाई कार कंपनी किया (KIA) भी इसी तरह के दुष्प्रचार में शामिल हो गई.
लेकिन भारत अब बदल चुका है. नया भारत मुखर है. अपने अस्मिता के प्रश्नों पर करारा जवाब देता है. हुआ भी ऐसा ही. भारतीय नेटिजन्स ने हुंडई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. लोगों ने पूछा कि क्या हुंडई भारत इस ट्वीट का समर्थन करती है. क्या उसके भी यही विचार हैं.
एक ही कंपनी अलग-अलग देशों में दो एजेंडा चलाकर कैसे कारोबार करती है, हुंडई इसकी मिसाल है. लेकिन पाकिस्तान और भारत के बाजार में बहुत अंतर है.
एक ट्वीट में याद दिलाया गया कि हुंडई पाकिस्तान में आठ हजार कार बेचती है और भारत में पांच लाख. इसके बावजूद वह पाकिस्तान का विभाजनकारी एजेंडा चला रही है. ज्यादा बवाल बढ़ने पर पाकिस्तान हुंडई ने ट्वीट डिलीट कर दिया. हुंडई इंडिया ने नेटिजन्स के सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें ब्लॉक करना शुरू कर दिया. इधर ब्लॉक शुरू हुआ और उधर भारतीय उपभोक्ता ने अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी. तमाम ऐसे ट्वीट आए, जिसमें बताया गया है कि उन्होंने कार की बुकिंग कैंसिल कर दी है. या फिर उन्होंने हुंडई की कार खरीदने का मन बनाया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने इरादा बदल दिया है. साथ ही लोगों के बीच लोकल फॉर वोकल भी एक मसला बनने लगा. लोगों का कहना था कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां बाजार देखकर रंग बदलती हैं. जबकि कोई विशुद्ध भारतीय कंपनी कभी ऐसे विभाजनकारी और आतंकवादी एजेंडा का समर्थन नहीं कर सकती.
ब्लॉक करने से जब काम न चला तो हुंडई की ओर से बयान जारी किया गया. लेकिन भारतीयों को ये जवाब नाकाफी लगा. जवाब काफी गोल-मोल है भी. इसमें हुंडई 25 साल से भारत में मौजूदगी की दुहाई देती है. कहा कि हम राष्ट्रवाद का सम्मान करते हैं. लेकिन कौन से राष्ट्रवाद का. या मुल्क बदलने पर जो राष्ट्रवाद है उसका. भारत में भारत का और पाकिस्तान में पाकिस्तान का. ये स्पष्ट नहीं किया. पाकिस्तान हुंडई का बयान में नाम तक नहीं है. उसके ट्वीट का जिक्र नहीं है. न ही साफ शब्दों में कहा गया है कि वे इसे गलत मानते हैं. हां, ट्विटर पर हुंडई के खिलाफ जो अभियान चला, उसे हुंडई ने अनचाहा करार दे दिया. मानो, भारतीय जो कह रहे हैं, वह गैर वाजिब है. लोग हुंडई के इस जवाब से संतुष्ट नहीं है. ट्विटर पर तमाम लोगों ने इस बयान के बाद हुंडई से कहा है कि वह पाकिस्तान हुंडई के ट्वीट की निंदा करे. बिना किसी शर्त के माफी मांगे.
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