अमेरिकी थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट ने हाल में जो रिपोर्ट जारी की है उसमें पाकिस्तान की भारत विरोधी हरकतों का नए सिरे से खुलासा किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी आका भारत को जिहादी और खालिस्तानी तत्वों के जरिए तहस—नहस करने की साजिश में जुटे हुए हैं। भारत की छवि खराब करने का सुनियोजित षड्यंत्र चलाया जा रहा है। और इस सबमें पाकिस्तान को उसके आका चीन का वरदहस्त प्राप्त है।
यूं तो भारत में नफरत तथा आतंक फैलाकर भारत को अस्थिर करने की पाकिस्तान की यह चाल एक अर्से से चलती आ रही है। लेकिन इधर पाकिस्तान ने इसे और गति दी है। उसने एक बार फिर पंजाब में अलगाववादी ताकतों को हवा देना बढ़ा दिया है। अमेरिकी थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट की ताजा रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान भारत में सामाजिक सौहार्द खराब करने के लिए इस्लामिक उन्मादियों और खालिस्तानी तत्वों तथा अलगाववादी समूहों के पीठ पर हाथ रखे हुए है। इसके लिए अकूत पैसा बहाया जा रहा है।
हडसन का आकलन है कि भारत के विरुद्ध पाकिस्तान की गतिविधियों का बढ़ना भारत ही नहीं, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र के लिए भी गंभीर चिंता की बात होनी चाहिए। कारण यह कि पाकिस्तान जिन खालिस्तानी गुटों को शह दे रहा है, उनके सूत्र अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों में मौजूद हैं। रिपोर्ट कहती है कि जिहादी तथा खालिस्तानी गुटों के साथ खड़े रहना पाकिस्तान की विदेश तथा रक्षा नीति का एक खास हिस्सा रहा है।
हडसन की रिपोर्ट आगे बताती है कि सिख फॉर जस्टिस से जुड़े अलगाववादी तत्व अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी सहित अनेक देशों से भारत विरोधी षड्यंत्र रचने में जुटे हुए हैं। पाकिस्तान की इस भारत को अस्थिर करने की हरकत में कम्युनिस्ट विस्तारवादी चीन भी पूरी तरह शामिल है जो खुद भी भारत-अमेरिका संबंधों में दूरियां पैदा करने का इच्दुछ है।
हडसन का आकलन है कि भारत के विरुद्ध पाकिस्तान की गतिविधियों का बढ़ना भारत ही नहीं, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र के लिए भी गंभीर चिंता की बात होनी चाहिए। कारण यह कि पाकिस्तान जिन खालिस्तानी गुटों को शह दे रहा है, उनके सूत्र अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों में मौजूद हैं। रिपोर्ट कहती है कि जिहादी तथा खालिस्तानी गुटों के साथ खड़े रहना पाकिस्तान की विदेश तथा रक्षा नीति का एक खास हिस्सा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गत दिसंबर में लुधियाना की अदालत में बम विस्फोट के आरोप में जर्मनी से पकड़े गए जसविंदर सिंह मुल्तानी से भारत में विद्रोही गतिविधियों के लिए पाकिस्तान की शह होने का खुलासा हुआ था। मुल्तानी असल में एसएफजे का प्रमुख सदस्य बताया जाता है। एसएफजे के कट्टर खालिस्तानी तत्व गुरपतवंत सिंह पन्नून ने स्वीकार किया है कि उसके मुल्तानी के साथ संबंध हैं।
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