पंकज जगन्नाथ जयस्वाल
लता दीदी ने छत्तीस से अधिक भारतीय भाषाओं और कुछ विदेशी भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए थे, हालांकि मुख्य रूप से हिंदी और मराठी में। उन्हें अपने पूरे करियर में कई सम्मान मिले। 1987 में उन्हें भारत सरकार द्वारा दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2001 में, राष्ट्र में उनके योगदान के सम्मान में, उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और यह सम्मान प्राप्त करने के लिए एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी के बाद केवल दूसरी महिला गायिका हैं। फ़्रांस ने उन्हें 2007 में अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, नेशनल ऑर्डर ऑफ़ द लीजन ऑफ़ ऑनर के अधिकारी से सम्मानित किया।
दीदी अपनी जीवन यात्रा के अगले पडावं पर निकल चुकी है लेकिन अगले हजारो सालो तक दीदी की मधुर आवाज हमारे जीवन का अहंम हिस्सा रहेगी… लता दीदी को शत शत नमन …।
लता दीदी की आवाज हर उमर के व्यक्ती को भावविभोर, मन मे उमंग और कुछ देशभक्ति की प्रेरणा भर देते है जैसे "ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी" यह गाना जब हम चीन से 1962 का युद्ध हार चुके थे और तब पुरे भारतवर्ष का मनोबल गिऱ चुका था तब लता दीदी ने इस गाने से शहिदो को श्रद्धांजली अर्पित की और हर भारतीय को फिर से बल प्रदान किया. शायद ही कोई भारतीय हो जिसकी आखों में यह गाना सुनकर आसू ना आए हों।
लता दीदी का पूरा परिवार संगीत से जुडा है. उन्होने शादी नही की थी बल्की अपना पूरा जीवन संगीत के लिए समर्पित किया था, उन्होने एक मुलाकात में कहा था वे समाज और देश की सेवा करना चाहती है, हर एक व्यक्ति को अपनी आवाज से मंत्रमुग्ध करना और देश के हर व्यक्ति को संगीत द्वारा जोडना और अपनी महान संस्कृति को जीवित रखना, इससे बड़ी सेवा क्या हो सकती है?
दीदी अपनी जीवन यात्रा के अगले पडावं पर निकल चुकी है लेकिन अगले हजारो सालो तक दीदी की मधुर आवाज हमारे जीवन का अहंम हिस्सा रहेगी…
लता दीदी को शत शत नमन …।
टिप्पणियाँ