आबिद आलम ने किया तिरंगे का अपमान, शिकायत की गई तो हिंदू प्रधानाचार्या को धमकी दी गई कि यदि नौकरी करनी है, तो कर लो समझौता

Published by
Sanjiv Kumar
किशनगंज जिले के एक विद्यालय में तिरंगे का अपमान करने वाले आबिद आलम को बचाने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रधानाचार्या पर दबाव बनाकर आरोपी के साथ कराया समझौता

बिहार के किशनगंज में 26 जनवरी को एक विद्यालय की प्रधानाचार्या और अन्य शिक्षकों को तिरंगा फहराने से रोका गया था। यही नहीं, कुछ लोगों ने तिरंगे को जलाने का भी प्रयास किया। स्वाभाविक रूप से प्रधानाचार्या ने मुख्य आरोपी आबिद आलम के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद से ही स्थानीय मुस्लिम जनप्रतिनिधि आरोपी को बचाने के लिए स​क्रिय हो गए। उन लोगों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानाचार्या को धमकाया कि यदि मुख्य आरोपी के साथ समझौता नहीं करोगे तो तुम्हारे लिए यहां नौकरी करना आसान नहीं होगा।

बता दें कि किशनगंज मुस्लिम—बहुल क्षेत्र है और घटना भी एक मुस्लिम मुहल्ले में हुई है। वहीं विद्यालय की प्रधानाचार्या हिंदू हैं। इसलिए उन पर वहां के जनप्रतिनिधियों ने दबाव बनाया कि मामले को खत्म करें। इसका परिणाम यह हुआ कि प्रधानाचार्या को आरोपी के साथ समझौता करना पड़ा। इस आधार पर उसे जमानत मिल गई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि मास्टर मुजाहिद, इजहार अस्फी, मुख्तार मुखिया, जिला परिषद् सदस्य नासिक नादिर जैसे जनप्रतिनिधि आरोपी को बचाने में लगे हुए हैं। एक शिक्षक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि किशनगंज जिले में हिंदुओं को किसी भी विभाग में नौकरी करने में दिक्कत होने लगी है। हिंदू कर्मचारियों पर हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। घटना के बाद पुलिस में शिकायत न हो, इसके लिए स्थानीय मुस्लिम नेता हरकत में आते हैं और आरोपी को बचाने के लिए पीड़ित पर दबाव डालते हैं। इस बार भी यही हुआ।

 

Share
Leave a Comment