पंजाब में विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची बनाई है, लेकिन इसमें मनीष तिवारी और गुलाम नबी आजाद को शामिल नहीं किया है। ये दोनों नेता जी-23 में शामिल हैं। इससे स्पष्ट है कि पार्टी की राज्य इकाई में दरार काफी बढ़ गई है। इससे कांग्रेस की हिंदू विरोधी सोच भी उजागर हो रही है। हालांकि राज्यसभा में बोलने के लिए कम समय मिलने से नाराज आनंद शर्मा को शामिल कर उनकी नाराजगी को कम करने का प्रयास किया गया है।
दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन का नाम चौंकाने वाला है। इससे यह सवाल उठ रहे हैं कि पार्टी ने पंजाब के नेताओं पर भरोसा नहीं करके हरियाणा के चार नेताओं को प्रचार टीम में क्यों शामिल किया गया, जबकि पंजाब-हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) विवाद है, यह बात किसी से छिपी नहीं है।
राज्य में दलित वोट बैंक को देखते हुए पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार, हरियाणा के चार बड़े नामों भूपिंदर सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, दीपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा को जगह दी गई है। हालांकि अंबिका सोनी पंजाब से ही हैं, लेकिन उन्हें तथा कई सांसदों को इसमें जगह नहीं मिली है। इसमें दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष अमृता धवन का नाम चौंकाने वाला है। इससे यह सवाल उठ रहे हैं कि पार्टी ने पंजाब के नेताओं पर भरोसा नहीं करके हरियाणा के चार नेताओं को प्रचार टीम में क्यों शामिल किया गया, जबकि पंजाब-हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) विवाद है, यह बात किसी से छिपी नहीं है।
सबसे बड़ा सवाल स्टार प्रचारकों की सूची में मनीष तिवारी को शामिल करने को लेकर है। तिवारी आनंदपुर साहिब सीट से सांसद हैं और पार्टी का हिंदू चेहरा भी हैं। लेकिन पार्टी ने उन्हें ही दरकिनार कर दिया है, जबकि राज्य में करीब 40 प्रतिशत हिंदू हैं। हाल ही में पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हिंदू चेहरा चौधरी सुनील कुमार जाखड़ ने मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने पर अपनी पीड़ा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि बीते साल सितंबर में कैप्टन अमरिंदर सिंह के पद छोड़ने के बाद गार्ड ऑफ चेंज के दौरान 79 में से 42 विधायकों के समर्थन के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, क्योंकि वे एक हिंदू हैं। हालांकि जाखड़ को पंजाब सूची में जगह दी गई है। इसका एक कारण शायद यह है कि उन्होंने बाद में चरणजीत सिंह चन्नी का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें समय दिया जाना चाहिए ताकि वह काम करना जारी रखें। पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होगा।
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