औरैया में करीब एक साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को आजीवन कारावास और 50,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को देने के भी निर्देश न्यायालय ने दिए हैं। अर्थदंड जमाना कराने की स्थिति में 1 साल अतिरिक्त कारावास भी भुगतना पड़ेगा।
सदर कोतवाली क्षेत्र निवासी वादी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 22 अगस्त 2021 को उसकी 1 साल की पुत्री को एक भट्ठे पर काम करने वाला रईस निवासी खागा (फतेहपुर) खिलाने के बहाने अपने साथ ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में बच्ची को छोड़ गया। बच्ची की हालत खराब देख उसका इलाज कराया गया तब घटना की जानकारी हुई और कोतवाली में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मामला लैंगिक बाल अपराध से जुड़ा हुआ था, इसलिए मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पाक्सो के न्यायालय में चली। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने आरोपी का पहला अपराध बताते हुए तर्क दिया कि वह 30 वर्ष का है और परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उस पर है, ऐसे में उसे कम सजा दी जाए।
डीजीपी अभिषेक मिश्रा, विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र सिंह तोमर और मृदुल मिश्रा ने घटना को जघन्य अपराध बताया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पाक्सो मनराज सिंह ने आरोपी को दोषी माना और आजीवन कारावास और 50,000 अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न कराने की स्थिति में आरोपी रईस निवासी अल्लीपुर को 1 वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को चिकित्सीय और पुनर्वास के लिए देने के भी निर्देश न्यायालय ने दिए हैं। इस मुकदमे में पुलिस की ओर से समय से आरोप पत्र दाखिल करने से सुनवाई की पूरी प्रक्रिया साढ़े पांच महीने पूरे होने से भी पहले कर ली गई और आरोपित को सजा सुनाई गई।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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