रिपोर्ट – विशेष संवादाता
उत्तराखंड/पश्चिम उत्तर प्रदेश :- उत्तराखंड की पहाड़ियों में भारी हिमपात हुआ है, मैदानी इलाको में तेज बारिश और ओले गिरने से कड़ाके की सर्दी ने चुनाव प्रचार की रफ्तार पर रोक लगा दी है। पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी ओले गिरने से जनजीवन प्रभावित हुआ है और फसलों को भी नुकसान पहुंचा है।
उत्तराखंड में 1997 के बाद सबसे ज्यादा हिमपात हुआ है, हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी से पहाड़ियों पर सफेद चादर सी बिछ गई है।बद्री केदार व्यास दारमा पिंडर घाटियों में आठ से दस फुट तक बर्फ गिर चुकी है, जबकिं शिवालिक की नैनीताल मसूरी मुक्तेश्वर धानाचूली मानिला रानीखेत अल्मोड़ा बेरीनाग चंडाक आदि की पहाड़ियों पर चार से छह फुट तक बर्फबारी हुई है।भावर और तराई के क्षेत्रो में बारिश के साथ ओले गिरे है। बारिश हिमपात से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, खेतो में खड़ी फसलों को भी नुकसान होने की खबरे है।
वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई है पहाड़ो में हिमपात होने से मैदानी इलाकों में भी शीत लहर चल रही है। किसानों की फसल पर ओले गिरने से भी नुकसान हुआ है।
चुनाव प्रचार में बाधा
मौसम में आये बदलाव की वजह से उत्तराखंड में बीजेपी के स्टार प्रचारको के कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए है, पीएम मोदी की आज अल्मोड़ा में होने वाली वर्चुअल जनसभा को भी स्थगित कर दिया गया है। पिछले दो दिनों से होरही बारिश और हिमपात की वजह से चुनाव प्रचार भी न के बराबर हुआ है। सर्दी की वजह से लोग भी घरों में दुबके हुए है।राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में भी सर्दी की वजह से जोश ठंडा हुआ है। हालांकि बीजेपी ने "कमरा बैठके" शुरू कर अपने प्रचार का स्वरूप बदला है।लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों के प्रचार में बारिश ने खलल डाला है।
अगले 24 घण्टे बिगड़ा रहेगा मौसम का मिजाज
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक अगले 24 घण्टे पहाड़ो में फिर से बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश रहने का पूर्वानुमान है,जिसकी वजह से एसडीआरएफ को एलर्ट मोड में रखा गया है,पहाड़ो में लोगो से कहा गया है कि वो अपनी छतों से बर्फ हटाते रहे और आसपास के रास्तो को साफ करने में एक दूसरे की मदद करें।कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने पीडब्ल्यूडी और एसडीआरएफ को सड़के खुली रखने के लिए काम तेज़ करने का निर्देश दिया है,साथ ही लोगो से कहा है कि घरों में अंगीठियो को जलाने से परहेज़ करे।
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