तो ऐसे हुई ‘रत्ती’ शब्द की उत्पत्ति
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

तो ऐसे हुई ‘रत्ती’ शब्द की उत्पत्ति

by WEB DESK
Feb 3, 2022, 03:03 am IST
in भारत, मत अभिमत, हिमाचल प्रदेश
रत्ती का पौधा

रत्ती का पौधा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
‘रत्ती भर’। यह शब्द लगभग हर जगह कहीं न कहीं सुनने को मिलता है। आपने भी इस शब्द को बोला होगा और बहुत लोगों की जुबान से सुना भी होगा। कभी किसी पर गुस्सा आता है तो भी हम कह देते हैं कि ‘तुम्हें रत्ती भर भी शर्म नहीं आई’ या फिर ‘तुम में तो रत्ती भर दिमाग नहीं’। लेकिन क्या आपने कभी इस ‘रत्ती’ का मतलब जानने की कोशिश की है? आखिर यह शब्द आया कहां से? और इसका मतलब क्या होता है?

 
वीरेन्द्र त्रिवेदी की फेसबुक वॉल से

आमतौर पर भारतीय घरों में लोग एक मुहावरे का इस्तेमाल करते हैं- ‘रत्ती भर’। यह शब्द लगभग हर जगह कहीं न कहीं सुनने को मिलता है। आपने भी इस शब्द को बोला होगा और बहुत लोगों की जुबान से सुना भी होगा। कभी किसी पर गुस्सा आता है तो भी हम कह देते हैं कि ‘तुम्हें रत्ती भर भी शर्म नहीं आई’ या फिर ‘तुम में तो रत्ती भर दिमाग नहीं’। लेकिन क्या आपने कभी इस ‘रत्ती’ का मतलब जानने की कोशिश की है? आखिर यह शब्द आया कहां से? और इसका मतलब क्या होता है?

हमारे बड़े-बुजुर्ग तो जरूर जानते होंगे, लेकिन हमारे भाई-बहन नहीं। बहुत बार हम रत्ती का मतलब थोड़ा या कम समझ लेते हैं, लेकिन इसकी वास्तविक परिभाषा या कहें तो यह वास्तविक रूप में बिल्कुल ही अलग है। यह बहुत आश्चर्य का विषय है।

आपको यह जानकर बहुत हैरानी होगी कि रत्ती एक प्रकार का पौधा होता है। यह लता जाति की एक वनस्पति है। रत्ती के पौधे को आम भाषा में ‘गुंजा’ कहा जाता है। इसमें मटर जैसी फली लगती है, जिसके अंदर दाने होते हैं। रत्ती के दाने काले और लाल रंग के होते हैं। प्रत्येक फली में 4-5 गुंजा के बीज निकलते हैं। जब आप इसे छूने की कोशिश करेंगे तो यह आपको मोतियों की तरह कड़ा प्रतीत होगा। पक जाने के बाद यह बीज पेड़ों से गिर जाता है। ज्यादातर आप इसे पहाड़ों में ही पाएंगे।

पुराने जमाने में रत्ती का इस्तेमाल सोने या किसी जेवरात के भार को मापने के लिए किया जाता था। रत्ती में सोने या मोती के तौल के चलन की शुरूआत सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया महाद्वीप में होता आ रहा है। इस मापन की विधि को किसी भी आधुनिक यंत्र से ज्यादा विश्वासनीय और बढ़िया माना जाता है। अगर वजन मापने की आधुनिक मशीन के हिसाब से देखें तो एक रत्ती लगभग 0.121497 ग्राम की होती है।

 

‘रत्ती’ की फली के अंदर मौजूद बीजों का वजन करेंगे, तो सबका वजन एक समान ही होगा। इसमें एक मिलीग्राम का भी अंतर नहीं आता है। एकबारगी तो इनसानों की बनाई गई मशीन पर से भरोसा उठ भी सकता है और यंत्र से भी गलती हो सकती है। लेकिन इस पर आप आंख बंद करके विश्वास कर सकते हैं। प्रकृति द्वारा दिए गए इस ‘गूंजा’ नामक पौधे के बीज का वजन कभी इधर से उधर नहीं होता है।

ऐसा माना जाता है कि रत्ती के पत्ते को चबाने से मुंह में होने वाले छाले ठीक हो जाते हैं।
साथ ही, इसके जड़ को भी सेहत के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। आपने कई लोगों को ‘गूंजा’ पहने हुए भी देखा होगा। कुछ लोग अंगूठी बनवा कर तो कुछ लोग माला बनाकर इसे पहनते हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ‘रत्ती’ सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है।

आपको यह जानकर बहुत ही आश्चर्य होगा कि ‘रत्ती’ की फली के अंदर मौजूद बीजों का वजन करेंगे, तो सबका वजन एक समान ही होगा। इसमें एक मिलीग्राम का भी अंतर नहीं आता है। एकबारगी तो इनसानों की बनाई गई मशीन पर से भरोसा उठ भी सकता है और यंत्र से भी गलती हो सकती है। लेकिन इस पर आप आंख बंद करके विश्वास कर सकते हैं। प्रकृति द्वारा दिए गए इस ‘गूंजा’ नामक पौधे के बीज का वजन कभी इधर से उधर नहीं होता है।

पहले यह पौधा हिमाचल प्रदेश में बहुत अधिक पाया जाता था, पर जैसे-जैसे मानव प्रकृति पर हावी होने की कोशिश कर रहा है, वैसे-वैसे बहुत सी चीजें लुप्त होती जा रही हैं, जिनमें रत्ती भी शामिल है।    
 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies