कुछ ही दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय ने अदालतों से कहा था कि वे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों को तेज गति से निपटाएं। इसी की चपेट में राहुल गांधी भी आ गए हैं। अब उनसे जुड़े एक मामले पर 5 फरवरी से प्रतिदिन सुनवाई होगी। यह मामला महाराष्ट्र के भिवंडी में चल रहा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक की मानहानि की है। प्रतिदिन सुनवाई होने पर राहुल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने 6 मार्च, 2014 को भिवंडी में एक चुनावी सभा के दौरान कहा था, "आरएसएस के लोगों ने गांधीजी को गोली मारी और आज उनके लोग गांधीजी की बात करते हैं।" उनके इस बयान के बाद संघ के स्थानीय स्वयंसेवक राजेश कुंते ने भिवंडी न्यायालय में 2014 में यह मुकदमा दायर किया था। कुंते ने अपनी याचिका में कहा है कि राहुल गांधी के इस बयान से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। मुकदमा दायर होने के चार वर्ष बाद न्यायालय ने 12 जून, 2018 को राहुल गांधी के विरुद्ध आरोप तय किए थे और कहा था कि राहुल के विरुद्ध आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मुकदमा चलेगा। उस दिन राहुल स्वयं अदालत में हाजिर हुए थे और उन्होंने आरोपों को स्वीकार करने से मना कर दिया था।
यह भी बता दें कि राहुल के विरुद्ध देश के अनेक न्यायालयों में मानहानि के अलग—अलग मामले चल रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश का असर उन सब पर भी पड़ सकता है। ऐसा हुआ तो राहुल को एक साथ अनेक मुकदमों के लिए अदालतों के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
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