पाकिस्तान में अल्पसंख्यक वर्गों के विरुद्ध मजहबी उन्माद सिर चढ़कर बोल रहा है। हिन्दुओं और ईसाइयों की नाबालिग बच्चियों को अगवा करके कन्वर्ट करने के बाद जबरन निकाह की पिछले दिनों हुई अनेक घटनाएं हुई हैं। ईसाई समुदाय वाले भी हिंसा का शिकार होते आ रहे हैं, उनकी हत्याएं की जा रही हैं। सिंध प्रांत में तो ऐसी घटनाएं अब रेाजमर्रा की बात होती जा रही हैं। पाकिस्तान सरकार बयान देती रही है कि अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अपराध करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी लेकिन वहां की अदालतें दोषियों को 'सबूत के अभाव' में छोड़ देती हैं। ताजा घटना एक पादरी की सरेआम हत्या की है, जिसके बाद ईसाई समुदाय में जबरदस्त आक्रोश उपज रहा है।
पेशावर शहर में कल रविवार की प्रार्थना के बाद घर वापस लौट रहे एक पादरी 75 वर्षीय विलियम सिराज की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना में एक अन्य पादरी फादर नईम पैट्रिक घायल हो गया।
पुलिस ने इस हमले को ‘आतंकवादी कार्रवाई' बताया है। पुलिस के अनुसार, पेशावर के गुलबहार क्षेत्र में यह हमला उस वक्त हुआ जब बिशप विलियम सिराज चर्च से प्रार्थना करके घर लौट रहे थे। उन्हें बंदूकधारियों ने गोली मारी जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उनके साथ जा रहे फादर नईम पैट्रिक गोलीबारी में घायल हुआ था। पुलिस ने दोषियों की तलाश तो शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक कोई पकड़ा नहीं जा सका है।
उधर अभी तक किसी भी आतंकी गुट ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। 'कैपिटल सिटी' पुलिस अधिकारी अब्बास अहसान का कहना है कि यह हमला दो अज्ञात लोगों द्वारा किया गया था। इस बारे में जांच शुरू कर दी गई है। यह एक 'आतंकवादी कृत्य' है। इस हमले की जांच के लिए आतंकरोधी विभाग तथा पेशावर पुलिस कर्मियों का एक दल नियुक्त किया गया है।
घटना के बाद फरार हुए हमलावरों की खोज में पुलिस सीसीटीवी फुटेज पर नजर डाल रही है। पुलिस ने बताया है कि विलियम सिराज चमकनी पुलिस थाना क्षेत्र के तहत एक चर्च में पादरी थे।
पाकिस्तान उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष और अंतरपांथिक सद्भाव तथा प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि हाफिज मोहम्मद ताहिर महमूद अशरफी ने पादरी की हत्या की घटना की निंदा की है। उधर मुख्यमंत्री महमूद खान ने भी हमले की भर्त्सना की। उन्होंने बयान दिया कि दोषी कानून के शिकंजे से बच नहीं पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि बिशप विलियम सिराज की हत्या से गुस्साए लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए शहर के रिंग रोड पर यातायात जाम कर दिया। वे सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, लेकिन पुलिस दोषियों को पकड़ने में नाकाम रहती है। इसे लेकर स्थानीय अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों ने जबरदस्त आक्रोश है।
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