जनवरी को मणिपुर में विष्णुपुर जिले के मोइरंग में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत उपस्थित रहे। इस अवसर पर सरसंघचालक श्री भागवत ने नेताजी के संघर्षमय जीवन और उनकी अटूट देशभक्ति के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने आज की पीढ़ी से नेताजी के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह वर्ष विशेष इसलिए है कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। जिस स्वतंत्रता के लिए नेताजी घर-बार छोड़कर विदेश गए, सेना बनाकर अंग्रेजों से लड़ाई की। उन्होंने पूरा जीवन अपने सुख की चिंता किए बिना देश के लिए समर्पित कर दिया। उनका जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है।
उस जीवन को उन्होंने स्वार्थ के लिए नहीं जिया, वे अपनों के लिए जिए। उन्होंने कहा, ऐसा कहा जाता था कि अंग्रेजों के साम्राज्य का सूर्यास्त नहीं होता। इतनी प्रचंड और पराक्रमी सत्ता को नेताजी ने चुनौती दी, केवल चुनौती नहीं दी, यहां आकर भारत की दहलीज पार करके स्वतंत्र भारत सरकार की घोषणा भी की।
उन्होंने कहा कि हम सुभाष बाबू नहीं बन सकते, लेकिन आज जो हैं उससे पांच कदम ज्यादा अच्छे तो बन सकते हैं, क्योंकि ऐसा बनने से अपने जीवन में भी और राष्ट्र के जीवन में भी जो परिवर्तन आता है, वह सबके लिए हितकारी होता है। इस अवसर पर अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।
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