तमिलनाडु के तंजावुर में हिंदू छात्रा लावण्या ने पिछले दिनों आत्महत्या कर ली थी। वह सेक्रेड हार्ट हायर सीनियर सेंकेंडरी स्कूल की छात्रा थी। आरोप है कि स्कूल के अधिकारियों की ओर से उस पर ईसाई मत अपनाने यानी कन्वर्जन का दबाव डाला जा रहा था। उसके साथ बहुत क्रूरता की गई। शौचालय तक की सफाई उससे कराई जाती थी। उसकी छुट्टियां रद कर दी गईं। इस मामले में प्रदेश भाजपा और हिंदू संगठन छात्रा को न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी कहा कि मामले के तह तक जाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो भी दोषी होगी उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
एनसीपीसीआर की टीम ने तंजावुर जाने का भी फैसला किया है। टीम में आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो भी रहेंगे। तमिलनाडु सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव और आचार संहिता का हवाला देते हुए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना नहीं चाह रही है फिर भी टीम तंजावुर जाएगी। 30 और 31 जनवरी को तंजावुर में रहेगी और पूछताछ करेगी। पीड़ित माता-पिता से बातचीत के दौरान एसपी और जांच अधिकारी को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। टीम बच्ची के सहपाठियों, इलाज करने वाले डॉक्टर और छात्रा का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और स्कूल प्रशासन से भी पूछताछ करेगी।
करीब डेढ़ दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत। टीवी, अखबार, वेब, एप का अनुभव। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मामलों में दिलचस्पी। अमर उजाला से शुरुआत, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण, जी न्यूज से लेकर पाञ्चजन्य तक की यात्रा। दक्षिण भारत की संस्कृति को भी करीब से समझने और अनुभव करने का अवसर मिला। दैनिक जागरण में रहते हुए शौर्य गाथा को समझा। मानस के मोती को खोजते हुए मानसरोवर तक पहुंचने का प्रयास।
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