गणतंत्र दिवस पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी शामिल हुए थे। इस संस्था पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े होने का आरोप है। इसके कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने भारत में असहिष्णुता और असुरक्षा की बात कही। उनके इस बयान का भारतीयों ने विरोध किया।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने जो कहा है, वह गलत है। मैं भी अल्पसंख्यक समुदाय से आता हूं और मैं गर्व से कह सकता हूं कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित राष्ट्र है। हमारे किसी भी पड़ोसी देश में परेशानी का सामना कर रहे अल्पसंख्यक भारत में शरण लेना पसंद करते हैं, क्योंकि भारत सुरक्षित है। आइए अपने महान राष्ट्र के आभारी रहें।
वहीं मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थक बेनकाब हो रहे हैं। देश ने हामिद अंसारी जी को दो-दो बार उपराष्ट्पति बनाया, लेकिन वैश्विक मंच पर देश के खिलाफ बातें कर उन्होंने संकीर्ण मानसिकता का ही परिचय दिया है। वहीं सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि हामिद अंसारी का भारत का उपराष्ट्रपति बनना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने हामिद अंसारी के बयान पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मोदी की आलोचना करने का पागलपन अब भारत की आलोचना करने की साजिश में बदल गया है, जो लोग अल्पसंख्यकों के वोट का शोषण करते थे, वे अब देश के सकारात्मक माहौल से चिंतित हैं। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कार्यक्रम का आयोजन करने वाली संस्था का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संबंध है। इसका संबंध तमाम ऐसे संगठनों के साथ है जो पूरी दुनिया की शांति और सौहार्द को छिन्न-भिन्न करने के षड़यंत्र और साजिश में लगे हुए हैं। हैरत की बात है कि हमारे देश के एक संवैधानिक पद पर बैठ चुके व्यक्ति देश की छवि को लगातार खराब करने के षड्यंत्र और साजिशों में लिप्त संस्था के मंच से बात रख रहे हैं।
हामिद अंसारी ने कहा था कि हाल के वर्षों में हमने ऐसे ट्रेंड्स का उभार और वैसे व्यवहार देखे हैं, जो पहले से स्थापित नागरिक राष्ट्रवाद के खिलाफ हैं और ये सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की काल्पनिक व्यवस्था को लागू करते हैं। धार्मिक बहुमत को राजनीतिक एकाधिकार के रूप में पेश करके धर्म के आधार पर असहिष्णुता को बढ़ावा दिया जा रहा है और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। ऐसे लोग चाहते हैं कि नागरिकों को उनकी आस्था के आधार पर अलग-अलग कर दिया जाए और असुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए। ऐसे ट्रेंड्स को राजनीतिक और कानूनी रूप से चुनौती दिए जाने की जरूरत है।
जिस कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने अपनी बात रखी उसका आयोजन 17 अमेरिकी संगठन कराते हैं, इसमें भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल भी शामिल है। त्रिपुरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने शपथपत्र में आरोप लगाया था कि इस समूह का आईएसआई और अन्य उग्रवादी गुटों के साथ लिंक हैं। हालांकि संगठन ने त्रिपुरा सरकार के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि यह एक अमेरिकी नागरिक अधिकार संगठन हैं।
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