पाकिस्तान की हुकूमत और अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाकों के बीच अगस्त 2021 में खूब गलबहियां होती थीं, लेकिन अब दोनों एक दूसरे के लिए आंखें तरेरते मालूम देते हैं। कुछ दिनों पहले दोनों के बीच सरहद पर डूरंड लाइन पर जैसी गुत्थमगुत्था देखने में आई, वैसी स्थिति इतनी जल्दी आ जाएगी, इसकी उम्मीद न थी।
पिछले दिनों पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ अफगानिस्तान जाकर तालिबान नेताओं से गले मिलने को उतावले हो रहे थे। वे हवाई जहाज में सवार भी हो गए, लेकिन खबर मिली कि काबुल में बैठे बंदूकधारी नहीं चाहते वे वहां आएं, और यूसुफ मियां बड़े बेआबरू होकर जहाज से उतर आए। लेकिन यूसुफ मियां फुके बैठे थे, शायद यही वजह है कि 27 को जिहादियों को पोसने वाले पाकिस्तान की तरफ से उन्होंने बयान दे दिया कि अफगानिस्तान में बैठे तालिबान से अब वैसी उम्मीदें न रहीं, वहां की जमीन का पाकिस्तान के विरुद्ध इस्तेमाल किया रहा है।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार युसूफ ने जो ताजा बयान दिया है उससे तल्खियां और बढ़ेंगी, इसमें संदेह नहीं है। यूं भी तालिबान अफगानिस्तान में कुर्सी पकड़ने के बाद पाकिस्तान को और ढोने को तैयार नहीं है। जानकार मान रहे हैं कि यूसुफ मियां के ताजे बयान से आग में घी वाला काम होगा। दोनों देशों के बीच मामला और बिगड़ सकता है।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार युसूफ ने जो ताजा बयान दिया है उससे तल्खियां और बढ़ेंगी, इसमें संदेह नहीं है। यूं भी तालिबान अफगानिस्तान में कुर्सी पकड़ने के बाद पाकिस्तान को और ढोने को तैयार नहीं है। जानकार मान रहे हैं कि यूसुफ मियां के ताजे बयान से आग में घी वाला काम होगा। दोनों देशों के बीच मामला और बिगड़ सकता है।
मोईद यूसुफ ने यह भी कहा है कि अफगानिस्तान में में आज भी बहुत से आतंकवादी गुट सक्रिय हैं। यूसुफ ने इतनी 'अक्लमंदी भरी बात' नेशनल असेंबली की विदेश मामलों की स्थायी समिति के सामने आंतरिक तथा विदेशी सुरक्षा स्थिति के बारे में बताते हुए कही।
संभवत: तेवर ढकने के लिए युसूफ को बयान में यह भी जोड़ना पड़ा कि 'अफगानिस्तान में नीतिगत स्तर पर तो पाकिस्तान को लेकर बहुत सकारात्मकता' है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अब सरकार है उसके साथ रिश्तों की स्थिति पिछली बार की तालिबान सरकार के वक्त से अच्छी है।
अफगानिस्तान में हालात अब भी युद्ध के से ही हैं। वहां अब भी आतंकी गुट मनमानी कर रहे हैं, उन्होंने खासकर शियाओं का जीना मुहाल किया हुआ है। एक के बाद एक कई शिया मस्जिदों पर बम हमलों में बड़ी संख्या में शिया नागरिक मारे जा चुके हैं। तालिबान इन हमलों को रोकने में अभी तक तो नाकाम रहे हैं।
युसूफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की हुकूमत युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार में वापसी को लेकर पूरी तरह उम्मीदों से भरी नहीं रही है। हालांकि दोनों देश रिश्ते मधुर बनाए हुए हैं। लेकिन अफगानिस्तान की जमीन पर सक्रिय कई आतंकी गुट पाकिस्तान की नाक में दम किए हुए हैं।
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