काशी की गुलाबी मीनाकारी पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती की चमक बिखेर रही है. कोरोना के बावजूद पिछले तीन महीनों में करीब एक करोड़ रूपये का व्यवसाय हुआ. कारीगरों के पास अगले दो महीने के ऑर्डर प्राप्त हो चुके हैं. घरेलू बाजार में भी इसकी मांग बढ़ी है. दीपावली, शादी और कॉरपोरेट गिफ्ट के लिए गुलाबी मीनाकारी के उत्पाद लोगों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं.
कोरोना की तीसरी लहर में भी गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों की मांग कम नहीं हुई है. ग़ुलाबी मीनाकारी के लिए नेशनल अवार्ड पाने वाले कुंज बिहारी ने बताया कि अक्टूबर, नवंबर और दिसम्बर में करीब एक करोड़ रूपये का व्यवसाय हुआ है और आने वाले दो महीनों का आर्डर मिल चुका है. कुंज बिहारी का मानना है कि वाराणसी के इस खास हुनर को जीआई टैग मिलने के बाद इससे जुड़े कारीगरों को नई पहचान मिली है. वाराणसी में गुलाबी मीनाकारी के काम में करीब 75 से 80 परिवार के 300 से अधिक लोग जुड़े हैं.
वाराणसी जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त वीरेंद्र कुमार ने बताया कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका समेत अन्य देशों के राजनेताओं को गुलाबी मीनाकारी के उत्पादों को उपहार स्वरूप दिया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी ने लोगों से जीआई उत्पाद व वन डिस्ट्रीशीट वन प्रोडक्ट को उपहार में देने की अपील की है, तबसे इन उत्पादों के काम में तेजी आई है. व्यापार से जुड़े लोग बताते हैं कि इस उद्योग में कुछ वर्ष पहले मंदी आ गई थी. प्रधानमंत्री के प्रयास के बाद से यह व्यापार चल पड़ा है.
गौरतलब है कि गुलाबी मीनाकारी सोने और चांदी दोनों ही की सुंदरता में चार चाँद लगाती है. दोनों धातुओं को शुभ माना जाता है, इसलिए शादी में गुलाबी मीनाकारी के गणेश जी की अत्यधिक मांग रहती है.
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