गत दिनों बिहार के अररिया जिले में तालिबानी जैसी क्रूर और शर्मनाक घटना हुई। महिला के ससुर ने उस पर बदचलन होने का आरोप लगाया और उसके बाद पंचायत बुलाई गई। पंचायत ने उस महिला के दोनों हाथों को बांधकर पीटने की सजा दे दी। महिला चीखती—चिल्लाती रही, लेकिन वहां उपस्थित लोगों ने उसे बचाने की कोई कोशिश नहीं की। यही नहीं, कुछ लोग तो उसे जान से मारने की बात भी कर रहे थे।
मामला महलगांव थाना क्षेत्र की भूना मजगामा पंचायत की है। इस पंचायत की मुखिया एक महिला है। उसकी जगह उसका पति शाहिद आलम ही मुखिया का काम करता है। उसी ने महिला को पीटने का आदेश दिया था। इसके बाद कुछ लोगों ने उस महिला के हाथों को बांधकर पीटना शुरू किया।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में शाहिद आलम के अलावा तालिबान, मंजर और राशिद को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने तालिबान को गिरफ्तार कर लिया है, बाकी आरोपी फरार हैं।
घटना 20 जनवरी की है। लेकिन दो दिन पहले ही इसका वीडियो वायरल हुआ है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 20 जनवरी की रात वह महिला लघुशंका करने के लिए घर से बाहर निकली थी, तभी पड़ोसी मुसब्बिर बुरी नीयत से उसके घर में घुस गया। इस बीच महिला के ससुर युसूफ ने यह सब देख लिया तो वह शोर मचाने लगा। इससे मुसब्बिर भाग गया। इसके बाद ससुर ने अपनी बहू पर बदचलन होने का आरोप लगा दिया। बस, इतनी सी बात पर पंचायत बुलाई गई और महिला का पक्ष सुने बिना उसे बुरी तरह मारा गया।
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