एयर इंडिया की आज पूरी तरह से घर वापसी हो गई। करीब 69 साल बाद एयर इंडिया की कमान टाटा समूह को दे दी गई। हैंडओवर से पहले टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। हालांकि अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार से एयर इंडिया की फ्लाइट्स टाटा समूह के बैनर तले उड़ान नहीं भरेंगी। अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया गुरुवार के बाद संपन्न हो पाएगी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल 8 अक्टूबर को टाटा समूह द्वारा लगाई गई बोली को स्वीकार किया था। टाटा समूह ने सबसे ज्यादा बोली लगाई थी। यह डील 18,000 करोड़ रुपये में हुई थी। उसके बाद 21 अक्टूबर 2021 को केंद्र ने इस सौदे के लिए एसपीए पर हस्ताक्षर किए थे। तब से एयर इंडिया को सौंपने की तैयारी चल रही थी। मालिकाना हक मिलने के बाद भी एयर इंडिया के नए मालिक को इससे जुड़े नाम और लोगों को अभी 5 साल तक संभाल कर रखना होगा।
एयर इंडिया की इतिहास की बात करें तो 1932 में जेआरडी टाटा ने इसे टाटा एयरलाइंस के नाम से लॉन्च किया था। उसके बाद 1946 में इसका नाम बदल कर एयर इंडिया कर दिया गया था। उसके बाद सरकार ने 1954 में टाटा से एयर इंडिया को खरीदकर उसका राष्ट्रीकरण कर दिया था। एयरलाइन की पहली कॉमर्शियल उड़ान 15 अक्तूबर 1932 को भरी गई थी, जो अहमदाबाद-कराची के रास्ते मुंबई गया था। उस प्लेन में 25 किलो चिट्ठियां रखी गई थीं।
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