फतवे पर देवबंद को नोटिस
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

फतवे पर देवबंद को नोटिस

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Jan 25, 2022, 07:43 am IST
in भारत, उत्तर प्रदेश
दारुल उलूम देवबंद

दारुल उलूम देवबंद

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
दारुल उलूम देवबंद अक्सर अपने फतवों के कारण विवादों में रहता है। इस बार उसने बच्चा गोद लेने पर फतवा जारी कर कहा है कि गोद लिए गए बच्चे को असली बच्चे की तरह अधिकार नहीं दिए जा सकते, लेकिन वयस्क होने पर उसे शरिया व्यवस्थाओं को मानना होगा।

बाल अधिकारों पर दारुल उलूम देवबंद द्वारा गैरकानूनी और भ्रामक फतवे जारी करने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्ती दिखाई है। आयोग ने नोटिस जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार से दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट की जांच करने को कहा है। साथ ही, राज्य के मुख्य सचिव से कहा कि जब तक इस तरह की सामग्री वेबसाइट से हटा नहीं ली जाती है, तब तक इसे बंद कर दिया जाए। आयोग ने कहा कि एक शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि देवबंद की वेबसाइट पर फतवों की सूची है जो देश के कानून के अनुसार दिए गए प्रावधानों के विरुद्ध है।

क्या है फतवे में?
दरअसल, दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवे में कहा है कि बच्चा गोद लेना गैरकानूनी नहीं है, लेकिन वयस्क होने पर गोद लिए गए बच्चे को शरिया का पालन करना होगा। लेकिन उन्हें असली बच्चे जैसे अधिकार नहीं दिए जा सकते। बच्चे को गोद लेने भर से वास्तविक बच्चे का कानून उस पर लागू नहीं होगा। वयस्क होने के बाद उसे संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं मिलेगा और वह किसी भी मामले में वारिस या उत्तराधिकारी नहीं होगा। एक व्यक्ति ने आयोग से देवबंद द्वारा जारी फतवों की शिकायत की है। शिकायतकर्ता ने कई फतवों का भी जिक्र किया है, जो देवबंद की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इनमें स्कूली पाठ्यक्रम, कॉलेज यूनिफॉर्म, गैर इस्लामिक माहौल में बच्चों की शिक्षा, लड़कियों की मदरसा शिक्षा, शारीरिक दंड आदि से संबंधित फतवे शामिल हैं। 
इसमें एक सवाल के जवाब में कहा गया है कि जब लड़की 14 साल की हो जाए तो उसे पुरुष शिक्षक वाले स्कूल में पढ़ाना उचित नहीं है। इसलिए यदि उसे और आगे बढ़ाना चाहते हैं तो ऐसे स्कूल का चुनाव करें जिसमें महिला शिक्षक हो। साथ ही, कहा गया है कि गुजरात और अलीगढ़ में ऐसे कई स्कूल हैं, जहां लड़कियों को पर्दे में पढ़ाया जाता है। सहशिक्षा के माहौल में बच्चियों को पढ़ाना अच्छा नहीं है। एक अन्य फतवे में कहा गया है कि शिक्षकों को बच्चों को पीटने की अनुमति है, जबकि स्कूलों में शारीरिक दंड पर कानूनन रोक है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सख्ती

  • बच्चों पर दारुल उलूम के फतवे कानून विरुद्ध, सहारनपुर के जिलाधिकारी कार्रवाई करें
  • प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखा पत्र, संगठन की वेबसाइट की जांच हो और ऐसी किसी भी सामग्री को तत्काल  हटाया जाए
  • भारत के संविधान, आईपीसी, किशोर न्याय अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के उल्लंघन के लिए देवबंद पर कार्रवाई करे राज्य सरकार

क्या कहा आयोग ने
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस तरह के फतवे को कानून के विरुद्ध बताते हुए सहारनपुर के जिलाधिकारी को भी कार्रवाई करने के लिए कहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को 15 जनवरी को लिखे पत्र में आायोग ने कहा है कि शिकायत पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम की धारा 13(1)(जे) के तहत संज्ञान लेते हुए शिकायत और वेबसाइट की जांच की गई। जांच में पता चला है कि लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों के जवाब में देवबंद की वेबसाइट पर दिए गए स्पष्टीकरण और उत्तर देश के कानूनों के अनुरूप नहीं हैं। साथ ही, कहा गया है कि इस तरह के बयान बच्चों के अधिकारों के विपरीत हैं और वेबसाइट तक खुली पहुंच उनके लिए हानिकारक है। इसलिए अनुरोध है कि इस संगठन की वेबसाइट की पूरी तरह से जांच की जाए और ऐसी किसी भी सामग्री को तत्काल हटाया जाए।

जब तक गैरकानूनी बयानों के प्रसार और पुनरावृत्ति से बचने तथा हिंसा, दुर्व्यवहार, उपेक्षा, उत्पीड़न बच्चों के खिलाफ भेदभाव की घटनाओं को रोकने के लिए इन सामग्रियों को नहीं हटाया जाता है, तब तक वेबसाइट तक पहुंच को रोका जा सकता है। साथ ही, आयोग ने राज्य सरकार से भारत के संविधान, भारतीय दंड संहिता, किशोर न्याय अधिनियम-2015 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए देवबंद के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।

पत्र की प्रति उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और मुख्य चुनाव आयुक्त को भी भेजी गई है। पत्र में फतवे से संबंधित देवबंद की वेबसाइट और उसके 10 लिंक भी दिए गए हैं, जिनमें बच्चों से संबंधित सवालों के जवाब फतवे के रूप में दिए गए हैं। आयोग ने प्रदेश सरकार को इस पर 10 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि इस तरह के फतवे देश के कानून को गुमराह करने वाले हैं और अवैध भी हैं। देश के संविधान में बच्चों के मौलिक अधिकारों के साथ समता का अधिकार और शिक्षा के अधिकार का प्रावधान है। इस तरह के फतवे हेग संधिपत्र का उल्लंघन है, जिस पर भारत ने हस्ताक्षर किया है। इसके मुताबिक, जैविक बच्चों और गोद लिए गए बच्चों के समान अधिकार होंगे। इनमें किसी तरह का अंतर नहीं किया जा सकता।

आयोग पर निशाना
इस बाबत दारुल उलूम देवबंद ने कुछ भी बोलने से इनकार किया है, लेकिन स्टूडेंट्स इस्लामिक आॅर्गनाइजेशन आॅफ इंडिया (एसआईओ) ने देवबंद के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश पर आयोग पर निशाना साधा। संगठन ने इसे कुछ चुनिंदा फतवों के जरिये मदरसों और उसकी शिक्षा को निशाना बनाने का प्रयास करार दिया है। एसआईओ के राष्ट्रीय सचिव फवाज शाहीन ने एक बयान में कहा कि फतवे कुछ मजहबी विद्वानों के निजी विचार होते हैं, जो निजी व सामाजिक जीवन से जुड़े विभिन्न मुद्दों के संदर्भ में होते हैं। उनकी कोई कानूनी बाध्यता नहीं होती है। वहीं, देवबंदी मौलाना मुफ़्ती असद कासमी का कहना है कि जब कोई व्यक्ति फतवा मांगता है तो कुरान और हदीस के तहत दारूल उलूम देवबंद फतवा जारी करता है। अगर कोई इसमें हस्तक्षेप करता है तो वह इस्लाम और शरियत में हस्तक्षेप करता है। जिसने भी फतवे की शिकायत की है, उसने इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश की है।     
 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Donald Trump

टैरिफ युद्ध अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Donald Trump

टैरिफ युद्ध अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies