पंजाब की कांग्रेस सरकार जिहादी मानसिकता वाले पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा को बचाने की कोशिश कर रही है। हिंदू विरोधी बयान के बाद पंजाब पुलिस ने अभी तक मुस्तफा के खिलाफ सिर्फ एफआईआर दर्ज की है। इसके आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मुस्तफा मलेरकोटला की विधायक रजिया सुल्ताना के पति हैं। सुल्ताना राज्य की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार में मंत्री हैं। इस बार भी वह कांग्रेस के टिकट पर मलेरकोटला से चुनाव लड़ रही हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान मुस्तफा ने हिंदूओं के खिलाफ टिप्पणी की। इसका वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस की खूब फजीहत हुई। लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। मलेरकोटला के हिंदू सभा के सदस्य प्रदीप शर्मा ने बताया कि वह घटना के दिन से ही पुलिस के पास चक्कर काट रहे हैं, लेकिन शिकायत दर्ज करना तो दूर की बात उनकी शिकायत तक नहीं ली गई। उन्हें पुलिस थाने से वापस भेज दिया गया। इसके बाद जब उन्होंने शहर में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी, तब भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। बस यह आश्वासन दिया कि पहले वीडियो की जांच की जाएगी, क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि वीडियो से छेड़छाड़ की गई हो।
सामाजिक कार्यकर्ता सतपाल चोपड़ा ने बताया कि इस मामले की जांच भी होनी चाहिए, क्योंकि यह भी हो सकता है कि मामले को शांत करने के लिए पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया। लेकिन बाद में इसे रफादफा कर दिया जाए। जानकारों का कहना है कि पंजाब सरकार तो मामला दर्ज करना ही नहीं चाह रही थी। लेकिन चुनाव आयोग के डर की वजह से मामला दर्ज कर लिया। दूसरेे, कांग्रेस को पता है कि इससे उनके हिंदू वोटर नाराज हो सकते हैं। इसलिए मामले को रफादफा करने के लिए एफआईआर दर्ज कर ली है। बताया यह भी जा रहा है कि जब मुस्तफा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई तो शिकायतकर्ता के नाम के साथ जो मोबाइल नंबर लिखा वह गलत है। पुलिस ने एफआईआर में मोबाइल नंबर 9592912468 लिखा है। इस नंबर पर संपर्क किया तो यह हरियाणा-पंजाब की सीमा पर स्थित पंजाब पुलिस की चौकी के एएसआई गुरविंदर सिंह का निकला। एएसआई ने बताया कि पता नहीं कैसे उसका नाम शिकायतकर्ता के नाम के साथ लिख दिया। उन्होंने बताया कि वह संंबंधित पुलिस स्टेशन से इस बाबत बातचीत करेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता सतपाल ने बताया कि पंजाब सरकार इस मामले मे लिपापोती कर रही है। अभी तक उसकी गिरफ्तारी के लिए कुछ नहीं किया है। होना तो यह चाहिए था कि कांग्रेस सरकार तुरंत आरोपी मुस्तफा को गिरफ्तार करती। इतना ही नहीं, कांग्रेस की ओर से इस मामले में बहुत ही नपी-तुली सी टिप्पणी की गई है। इससे पता चल रहा है कि वोट के लिए कांग्रेस सरकार कितना नीचे गिर रही है। मुस्तफा प्रकरण से कांग्रेस का हिंदू विरोधी चेहरा भी सामने आया है। इससे पता चला है कि कांग्रेस किस तरह से तुष्टीकरण की नीति पर काम करती है।
पंजाब के हिंदूओं ने भी मुस्तफा और कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है। शिव शक्ति दल अमृतसर के सदस्य नीरज कुमार ने बताया कि पंजाब में पहले ही हिंदुओं को बात-बात पर दबाया जाता है। आतंकवाद के सबसे ज्यादा जख्म हिंदुओं को मिले हैं। अब मुस्तफा जैसे लोग भी हिंदुओं को दबाने का काम कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस पंजाब को दूसरा काश्मीर बनाना चाहती है। तभी इस तरह की बयानबाजी उनकी ओर से हो रही है। नीरज कुमार ने बताया कि वह एक अभियान चला रहे हैं, जिससे कांग्रेस का सच आम आदमी को बताया जाए। विधानसभा चुनाव में मतदान ने पहले मतदाता जान ले कि उसे किस पार्टी को और क्यों वोट करना है। नीरज ने बताया कि कितनी हैरानी की बात है कि अभी तक मुस्तफा को गिरफ्तार नहीं किया गया है। जबकि होना तो यह चाहिए था कि उसे तुरंत गिरफ्तार करते। ऐसा व्यक्ति जिसके अंदर हिंदूओं के प्रति इतनी नफरत भरी पड़ी हो, कैसे इतने बड़े पद पर रह सकता है। यह भी सोचने वाली बात है।
बहरहाल, पंजाब में इस मामले में अब कांग्रेस की हर जगह आलोचना हो रही है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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